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    125 करोड़ के घोटालेबाज को कोर्ट ने किया फरार घोषित

  • January 18, 2024

    • ७ कॉलोनियां कागजों पर काट २ हजार लोगों को ठगा, जमानत पर छूटकर गायब हुए प्रमोद बारासिंगे को अभी तक नहीं पकड़ पाई पुलिस

    इंदौर। 7 कॉलोनियों को कागजों पर काटकर 2 हजार से अधिक लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले फरार भूमाफिया प्रमोद बारासिंगे को कोर्ट ने फरार घोषित कर दिया है। उस पर आरोप है कि 125 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी ईशान टाउनशिप सहित अन्य प्रोजेक्टों में की गई। कुछ समय पूर्व जमानत पर छूटे आरोपी के खिलाफ अन्य एफआईआर दर्ज हुई और उसके बाद पुलिस पकड़ नहीं सकी, जिसके चलते उसे दशम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गंगाचरण दुबे की कोर्ट ने स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए फरार घोषित किया और अभिलेख भी नष्ट ना करने के आदेश दिए। आरोपी के खिलाफ धारा 299 के तहत कार्रवाई की गई। थाना भंवरकुआ जारी वारंट के आधार पर आरोपी को पकडक़र कोर्ट में पेश करने में असफल रहा।


    कुछ वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने भी इस जमीन घोटाले की जांच रिटायर्ड जज से करवाने के आदेश दिए थे और उसके बाद जांच की जिम्मेदारी रिटायर्ड जिला जज को सौंपी भी गई। ईशान टाउनशिप के नाम पर भी प्रमोद बारासिंगे ने निवेशकों को भूखंड देने के नाम पर करोड़ों रुपए की राशि एडवांस में ले ली और खेती की जमीन दिखाकर लोगों को कागजों पर ही भूखंड बेच दिए। 2011 में यह टाउनशिप लॉन्च की गई थी और सैंकड़ों लोगों से करोड़ों रुपए जमा करवा लिए। तब भी भंवरकुआ पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज किया था और फिर आधा दर्जन से अधिक बार जिला कोर्ट और हाईकोर्ट से उसकी जमानतें खारिज हुई। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह निवेशकों के साथ न्याय करेगा। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया, तब सुप्रीम कोर्ट ने उसे तत्काल गिरफ्तार कर उसे जेल भेजने के आदेश भी दिए।

    पीडि़तों ने ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई करने और जांच कमेटी गठित करने की मांग की थी। खंडवा रोड पर प्रमोद बारासिंगे ने ईशान टाउनशिप के अलावा उत्कर्ष पार्क, डायमंड हिल, सिल्वर हिल, गोल्डन पार्क, वत्सला विहार, राधे-कृष्णा और प्लेटिनम पैराडाइज जैसे प्रोजेक्टों जैसी कॉलोनियों में करोड़ों रुपए की ठगी की और एक भी प्रोजेक्ट आज तक पूरा नहीं हुआ और भूखंड पीडि़त व अन्य निवेशक सालों से शिकायतें कर रहे हैं। 2015 में भी उसके खिलाफ थानों में भी शिकायतें हुई और 2016 में गिरफ्तारी के बाद जेल भी गया और कुछ वर्ष जेल में भी रहने के बाद 2022 में जमानत पर छूटा। उसके बाद जब अन्य मामलों में शिकायतें हुईं तो वह फरार हो गया। भोपाल और अन्य शहरों में भी उसने इंदौर की तरह ही कालोनी काटने के नाम पर फर्जीवाड़े किए। अब कोर्ट ने स्थायी गिरफ्तारी वारंट के साथ उसे फरार घोषित कर दिया है।

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