इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक अदालत ने देश के सबसे बड़े मीडिया समूह के मालिक मीर शकीलुर रहमान को राहत दी है। रहमान पर अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ मिलकर कथित तौर पर अवैध रूप से हासिल की गई जमीन से जुड़ा एक केस पिछले 34 सालों से चल रहा था। हालांकि, अदालत ने इस मामले में शरीफ को भगोड़ा घोषित किया है।
रहमान पाकिस्तान के सबसे बड़े मीडिया समूह जंग के मालिक हैं। इस समूह में देश के कुछ सबसे बड़े समाचार पत्र और जियो टेलीविजन नेटवर्क शामिल हैं। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो) ने रहमान को इस मामले में मार्च 2020 में गिरफ्तार किया था और उसी वर्ष नवंबर में सर्वोच्च अदालत ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था।
अदालत के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘लाहौर की एक जवाबदेही अदालत ने सोमवार को रहमान को बरी कर दिया, क्योंकि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ आरोपों को साबित करने में नाकाम रहा।’’ उन्होंने कहा कि रहमान ने मामले में बरी किए जाने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी। दो अन्य आरोपियों- लाहौर विकास प्राधिकरण के पूर्व निदेशक हुमायूं फैज रसूल और पूर्व निदेशक (भूमि) मियां बशीर को भी बरी कर दिया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ ने बरी होने के लिए याचिका दायर नहीं की थी।
अधिकारी ने कहा कि शरीफ ने इस मामले में अदालत के किसी भी समन और सवालों का जवाब नहीं दिया, इसलिए उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। आरोपों के अनुसार पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री नवाज शरीफ द्वारा 1986 में प्रासंगिक विभिन्न कानूनों व नियमों का उल्लंघन करते हुए रहमान को लाहौर में 54 भूखंड (प्रत्येक 5,445 वर्ग फुट) आवंटित किया गया था।
इमरान खान ने पीएम बनने से पहले दी थी जेल भेजने की धमकी
रहमान ने नियमों का उल्लंघन कर सरकारी जमीन खरीदने के आरोपों से इनकार किया था। उनका जंग समाचार पत्र समूह प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार का आलोचक रहा है। इमरान खान ने 2018 में सत्ता में आने से पहले कहा था कि वह भ्रष्टाचार (कर चोरी और मानहानि) को लेकर रहमान को जेल भेज देंगे।
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