इन्दौर। वैसे तो एमवाय अस्पताल (MY Hospital) में लापरवाही के किस्से रोज सुनने को मिलते हैं, लेकिन एक गर्भवती घायल महिला को बचाने में यहां डॉक्टरों ने एड़ी-चोटी का दम लगा दिया। हालांकि महिला को वे नहीं बचा पाए, लेकिन उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को आपरेशन कर सकुशल बाहर निकाला गया।
खरगोन जिले के झिरनिया की रहने वाली रवीना उर्फ माला पति खुशाल कुराड़े को घायल अवस्था में एमवाय अस्पताल (MY Hospital) लाया गया था। हालांकि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, लेकिन उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर सकुशल बाहर निकाला। फिलहाल वह डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन (observation) में है। रवीना और खुशाल की शादी सालभर पहले हुई थी। दोनों रवीना के मायके में होली के त्योहार पर गए और लौटते समय किसी वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी, जिसमें रवीना को गंभीर चोटें लगने के चलते एमवाय अस्पताल (MY Hospital) में भर्ती कराया गया था।
अंगदान करने की थी तैयारी पर सिर्फ नेत्र दान हुए
जब महिला का इलाज चल रहा था, उस समय ब्रेन डेड के लक्षण प्रतीत हो रहे थे। इस बीच डॉक्टरों ने बच्चे को ऑपरेशन कर निकाला और बचाया। इसके बाद उसके परिजन को अंगदान के बारे में बताया तो वे अंगदान के लिए तैयार भी हो गए। लेकिन रात 9 बजे उसकी तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि हृदयघात से मौत हुई। जिसके चलते अंगदान नहीं किए गए और केवल नेत्रदान ही किया गया। महिला का आठ माह के बच्चा फिलहाल एमटीएच अस्पताल में है, जो स्वस्थ है, लेकिन फिर भी डॉक्टर उस पर नजर रखे हुए है।
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