भोपाल। प्रदेश की विज्ञान एवं प्रौद्योगिक नीति शीघ्र ही घोषित की जाएगी तथा विज्ञान पर्यटन को बढ़ावा देते हुए साइंस सिटी और संभाग स्तर पर रीजनल साइंस सेंटर के निर्माण पर फोकस किया जाए। कार्य-समिति में तय किया गया है कि विज्ञान के प्रसार में अग्रणी और प्राचीन उज्जैन नगर में देश के पहले साइंटिस्ट मेमोरियल की स्थापना की जाएगी।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा है कि युवा वैज्ञानिकों की एक प्रतियोगिता में इस तरह का प्रस्ताव आया है। परिषद के महानिदेशक ने बताया कि देश में साइंस मेमोरियल तो हैं लेकिन उज्जैन के तारामंडल में साइंटिस्ट मेमोरियल बनाने का यह पहला प्रकरण है। परिषद ने प्रस्ताव पर तत्काल कार्य प्रारंभ करने की सहमति दी। इसी तरह विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान पर्यटन विकसित करने पर भी चर्चा की गई। जबलपुर और उज्जैन में बनने वाले रीजनल साइंस सेंटर के कार्यों के अनुमोदन के दौरान तय किया गया है कि हर 300 किलोमीटर पर साइंस सेंटर और सम्भाग स्तर पर रीजनल साइंस सेंटर बनाये जाएंगे।
हर जिले में ड्रोन ट्रेनिंग
निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सभी जिलों में ड्रोन ट्रेनिंग के इंतजाम किए जाएँ और सभी जिलों में एक जैसी ट्रेनिंग के स्थान पर ड्रोन के अलग-अलग तकनीकी का प्रशिक्षण दिया जाए। महानिदेशक ने बताया कि प्रदेश के जिलों को ड्रोन ट्रेनिंग के लिए प्रारंभिक तौर पर 10 -10 लाख रूपये उपलब्ध कराए गए हैं। मंत्री ने कहा कि तकनीक आधारित रिसर्च का फायदा युवाओं को दिलाना सुनिश्चित करें।
चुनिंदा वैज्ञानिकों का सलाहकार बोर्ड बनेगा
मंत्री ने कहा कि देश के ख्यातिलब्ध 15 से 20 वैज्ञानिक और विशेषज्ञों का एक सलाहकार बोर्ड भी बनाया जाए। यह बोर्ड हर दो माह में रिसर्च और तकनीकी आधारित ज्ञान को साझा करेगा, जो प्रदेश में विज्ञान गतिविधियों के प्रसार में सहायक होगा। सखलेचा ने कहा कि युवा और नव उद्यमियों को विज्ञान और तकनीकी का लाभ सुनिश्चित करने के लिए माह में 2 बार सेमिनार और वेबिनार किए जाएँ। उन्होंने कहा कि इस सबके लिए जरूरी है कि विज्ञान शिक्षकों को भी अभियान से जोड़ा जाए।
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