-वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में कैड घटकर हुआ जीडीपी का 0.2 फीसदी
नई दिल्ली (New Delhi)। देश (Country’) के चालू खाता घाटा (कैड) में गिरावट (current account deficit (CAD) declines) आई है। बीते वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में कैड घटकर 1.3 अरब डॉलर यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) (Gross domestic product – GDP) का 0.2 फीसदी रह गया है। व्यापार घाटे में कमी और सेवा निर्यात में जोरदार वृद्धि के कारण कैड कम हुआ है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India – RBI) ने जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी है।
आरबीआई ने मंगलवार को जारी आंकड़ों में बताया कि भारत का कैड वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में घटकर 1.3 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 0.2 फीसदी रह गया, जो वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में 16.8 अरब डॉलर जीडीपी का 2.0 फीसदी और एक साल पहले की समान अवधि में यह 13.4 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 1.6 फीसदी रहा था।
आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में कैड में गिरावट की मुख्य वजह मजबूत सेवा निर्यात के साथ व्यापार घाटे में कमी रही है। इस दौरान व्यापार घाटा भी 71.3 अरब डॉलर से घटकर 52.6 अरब डॉलर रह गया। आरबीआई ने कहा कि कंप्यूटर सेवाओं से शुद्ध कमाई में वृद्धि के कारण सेवाओं से प्राप्तियां भी बढ़ी हैं। दरअसल, कैड किसी देश के भुगतान संतुलन का एक प्रमुख संकेतक है।
रिजर्व बैंक के मुताबिक इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 5.6 अरब डॉलर बढ़ा जबकि वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में इसमें 16.0 अरब डॉलर की कमी आई थी। हालांकि वित्त वर्ष 2022-23 में चालू खाता शेष में जीडीपी के मुकाबले दो फीसदी का घाटा दर्ज किया गया जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह आंकड़ा 1.2 फीसदी था।
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