शहडोल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) शनिवार को मध्य प्रदेश के शहडोल (Shahdol) पहुंचे, जहां राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (National Mission to Eradicate Sickle Cell Anemia) के शुभारंभ के मौके पर रानी दुर्गावती को पुष्पांजलि अर्पित की. इस मौके पर मौजूद राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने भी पुष्पांजलि अर्पित की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहडोल में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन पोर्टल लॉन्च के दौरान सिकलसेल लाभार्थियों को सिकलसेल काउंसलिंग कार्ड वितरित किया.
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि मैंने देश के अलग-अलग इलाकों में आदिवासी समाज के बीच एक लंबा समय गुजारा है. सीकलसेल एनीमिया बेहद कष्टदायक है. इनके रोगियों के शरीर, सीने में असहनीय दर्द होता है. उन्होंने कहा कि यह बीमारी परिवारों को भी बिखेर देती है. यह बीमारी न हवा से, न पानी, न भोजन से फैलती है. यह बीमारी माता-पिता से ही बच्चों में होती है. यह अनुवांशिक है. पूरी दुनिया में सीकलसेल एनीमिया के जितने मामले होते हैं उनमें से 50% अकेले हमारे देश में होते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद जब मैं जापान की यात्रा पर गया था तब एक जापान के वैज्ञानिक से मिला था, वे वैज्ञानिक सीकलसेन एनीमिया में गहरा रिसर्च कर चुके थे. मैंने उनसे भी मदद मांगी. हमारा संकल्प है कि 2047 तक देश सीकलसेल से मुक्त होगा. इससे लड़ने में सबसे ज़रूरी है जांच कराना. कई बार तो मरीज़ों को लंबे समय तक पता नहीं चलता है कि वे इस बीमारी से जूझ रहे हैं.
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