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    देश ने बागवानी उत्पादों के निर्यात में काफी प्रगति कीः तोमर

  • February 12, 2021

    नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि भारत ने बागवानी के क्षेत्र और बागवानी उत्पादों के निर्यात में काफी प्रगति की है। भारत में उत्पादित बागवानी फसलों की विदेशों में मांग बढ़ रही है।

    कन्फेडरेशन आफ हार्टिकल्चर एसोसिएशन आफ इंडिया द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा कि भारतीय आम, अनार, अंगूर, केला, संतरा, लीची, अमरूद, पपीता, अनानास, चीकू, शरीफा आदि फल तथा सब्जियों में प्याज, टमाटर, आलू, हरी-मिर्च, भिण्डी, बैंगन आदि का निर्यात यूरोपीयन देश, अमेरिका, यू.के., यू.ए.ई., ओमान, नीदरलैंड तथा सार्क देशों में किया जा रहा है।

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    संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित फल-सब्जियों के अंतरराष्ट्रीय वर्ष-2021 के उपलक्ष्य में स्वास्थ्य व आजीविका के लिए फल-सब्जियों के उत्पादन और उपयोग में नए प्रतिमान विषय पर आयोजित वेबिनार में तोमर ने कहा कि आज हम खाद्यान्न के क्षेत्र में न केवल आत्मिनिर्भर है बल्कि निर्यात भी करते है। इस उपलब्धि में अन्नदाताओं का कठिन परिश्रम, वैज्ञानिकों की मेहनत एवं देश की कृषि सम्मत नीतियों का बड़ा योगदान है। आज देश में खाद्यान्न का उत्पादन लगभग 295 मिलियन टन है। देश ने दुग्ध उत्पादन में भी अभूतपूर्व प्रगति करते हुए विश्व में प्रथम स्थान हासिल करने में सफलता प्राप्त‍ की है। मछली व पोल्ट्री  उत्पादन में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। भारत ने बागवानी फसलों के उत्पादन में विश्व परिदृश्य में एक बड़े मुकाम को हासिल कर लिया है। बागवानी फसलों का कुल उत्पाउदन 320 मिलियन टन हो गया है। इस उपलब्धि में राष्ट्रीय बागवानी मिशन का भी योगदान है।

    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारा देश विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों की उपलब्धता वाला समृद्ध राष्ट्र है, जहां पौधों के अनुवांशिक संसाधनों की विशाल विविधता के रूप में राष्ट्रीय धरोहर मौजूद है। आम, केला, पपीता, अमरूद एवं भिण्डी के उत्पादन में भारत दुनिया में अव्वल है तथा आलू, बैंगन, प्याज, फूल-गोभी व पत्तागोभी उत्पादन में देश दूसरे स्थान पर हैं। तोमर ने कहा कि कोविड के दौरान कृषि क्षेत्र ने आपदा को अवसर में बदलते हुए खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने में महत्व पूर्ण भूमिका अदा की है। उन्होंने कहा कि हमारी कार्यशैली में बदलाव आया है। लोगों को प्रकृति के ज्यादा करीब आने का अवसर मिला है व खान-पान में हर्बल एवं औषधीय फसलों का उपयोग बढ़ा है। (एजेंसी, हि.स.)

     

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