नई दिल्ली। महामारी के इस दौर में स्कूल नहीं जा पा रहे छात्रों के लिए वर्चुअल स्कूलिंग (Virtual schooling) शुरू की जाएगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Education Minister Dharmendra Pradhan) ने बताया कि इसमें क्लास से एग्जाम (Class to exam) तक सब कुछ वर्चुअल (Everything virtual) होगा।
देश भर में वर्चुअल स्कूलिंग को लेकर यह अपनी तरह का पहला प्रयास है। इस वर्चुअल स्कूलिंग के जरिए 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के पास वर्चुअल स्कूलिंग चुनने का विकल्प होगा। वर्चुअल स्कूलिंग की खास बात यह है कि इसके माध्यम से लगने वाली कक्षाएं एक्टिविटी आधारित होंगी, साथ ही टेक्स्ट बुक का पूरा पाठ्यक्रम इसमें समाहित होगा। मंगलवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वर्चुअल स्कूल संबंधी जानकारी साझा की। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने बताया कि वर्चुअल स्कूलिंग का यह मसौदा और पूरा कार्यक्रम नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग यानी एनआईओएस द्वारा तैयार किया गया है।
वर्चुअल स्कूलिंग कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 तक के छात्रों के लिए वर्चुअल स्कूलिंग का विकल्प उपलब्ध होगा। यह छात्र देश भर में कहीं से भी वर्चुअल स्कूल ज्वाइन कर सकते हैं। वर्चुअल स्कूलिंग की खास बात यह है कि इसमें शुरू से लेकर आखिर तक सब कुछ वर्चुअली उपलब्ध होगा।
अर्थात इस में लगने वाली क्लासिस के साथ साथ सब अन्य सभी एक्टिविटी भी वर्चुअली मुहैया कराई जाएंगी। यह एक्टिविटी बेस कक्षा टेक्स्ट बुक पर आधारित है। छात्रों का एसेसमेंट और रिजल्ट भी वर्चुअली जारी किया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि वर्चुअल स्कूल के माध्यम से यह प्रयास किया जाएगा कि इस माध्यम के दौरान सब कुछ वैसा ही रहे जैसा कि किसी सामान्य क्लास रूम में होता है। इन वर्चुअल कक्षाओं की एक खास बात यह भी कि इन कक्षाओं के द्वारा छात्रों एवं अध्यापकों के बीच लाइव इंटरेक्शन भी स्थापित किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह देश भर में अपनी तरह का पहला प्रयास है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस दौरान केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार के साथ नेशनल एजुकेशन पॉलिसी से जुड़ी एक बुकलेट लांच की। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नई शिक्षा नीति से जुड़ी यह विशेष बुकलेट तैयार की है। इसे मंगलवार को लॉन्च किया गया। इस बुकलेट में शिक्षा नीति के तहत किए गए 52 विभिन्न महत्वपूर्ण कार्य हैं। इन कार्यों में छात्रों का करिकुलम, प्लानिंग, टीचर एजुकेशन, सर्विस में मौजूद शिक्षकों का प्रशिक्षण आदि शामिल है।
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