भोपाल। प्रदेश में आबकारी विभाग नहीं शराब नीति बना रहा है। नई शराब नीति में प्रदेश सरकार अब देशी व अंग्रेजी शराब की बिक्री एक ही दुकान से करने पर विचार कर रही है। अब प्रदेश में 11 डिस्टलरी के जिलों में सप्लाई के लिए टेंडर नहीं होंगे। सभी 11 डिस्टलरी को सभी संभागों में विदेशी शराब की तरह ही गोदामों में शराब रखना होगी और वहां से ठेकेदार शराब की गुणवत्ता व कीमत का अध्ययन कर शराब अपनी दुकानों के लिए खरीदेंगे।
शराब ठेकों के लिए छोटे-छोटे ग्रुप बनेंगे
शराब के ठेकों के लिए इस बार जिला स्तर पर एक ही सिंडीकेट को ठेका देेने के बजाय 3-5 दुकानों के छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर टेंडर कराए जाएंगे। गत वर्ष भी यह प्रस्ताव बना था पर शराब कारोबारियों ने नुकसान का हवाला दिया। विवाद की स्थिति बनते देख फिर अधिकांश जिलों में एक कंपनी बनाकर ठेके दिए गए थे।
अवैध शराब के लिए सख्त नियम
अवैध शराब कारोबार को रोकने के लिए भी नई नीति में दो प्रस्ताव है। पहला देशी शराब के अलग टेंडर खत्म होने से डिस्टलरी का एकाधिकार खत्म होंगे, कीमत में कमी आएगी। दूसरा महुआ की शराब हेरिटेज नीति से ग्रामीण क्षेत्र की शराब को मिलेगा बाजार। आबकारी आयुक्त राजीव चंद्र दुबे का कहना है कि अवैध शराब पर नियंत्रण के लिए कुछ बड़े बदलाव कर रहे हैं। हेरीटेज शराब की नीति के साथ ही एक दुकान पर देशी-विदेशी शराब बिकने के बिंदु पर भी विचार कर रहे हैं।
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