पेरिस । फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि दुनिया को अपने मतभेद भुलाकर खुलेमन से लेबनानी जनता की मदद के लिए आगे आना चाहिए। बेरुत में भीषण धमाके के बाद लेबनान का भविष्य दांव पर लग गया है। इस देश को आपात मदद तत्काल मिलनी चाहिए। मैक्रों दानदाता देशों के वर्चुअल कांफ्रेंस को वीडियो लिंक के जरिये संबोधित कर रहे थे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कांफ्रेंस में मदद की अपील करेंगे।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मदद का समन्वय संयुक्त राष्ट्र को करना चाहिए। मतभेदों के बावजूद हर देश को मदद के लिए आगे आना चाहिए। मैक्रों पहले वैश्विक नेता हैं, जो धमाके के बाद बेरुत गए थे। तब उन्होंने कहा था कि मानवीय मदद आएगी, लेकिन लेबनान की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए बड़े राजनीतिक सुधार अनिवार्य हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया था कि लेबनान पहुंचने वाली मानवीय मदद भ्रष्ट हाथों में नहीं जाएगी।
बतादें कि मंगलवार को हुए बेरुत धमाके में 158 लोगों की जान चली गई थी और पांच हजार से ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। धमाका इतना भीषण था कि छह हजार से ज्यादा इमारतों को नुकसान पहुंचा और हजारों लोग बेघर हो गए। इसकी गूंज 200 किमी दूर तक सुनी गई थी। लेबनान की अर्थव्यवस्था पहले ही भारी कर्ज और कोरोना की मार से कराह रही है। लेबनानी जनता अपनी सरकार को बहुत भ्रष्ट मानती है। ऐसे में मदद के इच्छुक कई देशों की अपनी आशंका है कि उनकी मदद भी भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़ जाए। वहीं, कुछ देश लेबनान में ईरानी प्रभाव को लेकर भी दुविधा में हैं।
वहीं, शनिवार को देश में भड़की हिंसा के अगले ही दिन लेबनान की सूचना मंत्री मानल अबदेल समद ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि बदलाव अनिवार्य हो गया है और उन्हें इस बात का दुख है कि वह जनता की उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाईं। वहीं, इस बीच बेरुत में अमेरिकी दूतावास ने ट्वीट में कहा, ‘लेबनान की जनता ने बहुत कुछ सहन किया है। यहां ऐसे नेताओं की जरूरत है जो पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग करती आवाजें सुन सकें। हम आम लोगों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के अधिकार का समर्थन करते हैं, लेकिन हिंसा से कोई फायदा नहीं होता।’
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved