जयपुर. राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर विवाद मौटे तौर पर पार्टी हाईकमान ने सुलझा लिया. अब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की हरी झंडी मिलने के बाद 28 या 29 जुलाई को गहलोत मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल हो सकता है. करीब 10 मंत्री हटाए जा सकते हैं और 15 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं. फेरबदल और मंत्रियों के हटाए जाने की पुष्टि शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का एक वीडियो कर रहा है. जिसमें वे खुद कह रहे हैं कि मुझे हटाया जा रहा है.
राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा कुछ दिनों पहले राजस्थान सिविल सेवा परीक्षा में अपने तीन रिश्तेदारों के चयन से विवादों में आ गए थे. शिक्षा मंत्री पर आरोप लगे थे कि इन्होंने सिफारिश के बल पर अधिक अंक दिलवाए और सलेक्शन करवाया. डोटासरा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं. डोटसरा का मंत्री पद जाना तय माना जा रहा है. ये खुद डोटसरा भी मान रहे हैं.
अजमेर में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के एक कार्यक्रम में तो मंत्री जी ने यहां तक कह दिया कि उनका मंत्री पद बस दो चार दिन का है, जो काम करवाना है करवा लो. एक साल पहले सचिन पायलट को हटाकर गोविंद डोटासरा को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था. हालांकि डोटसरा के पीसीसी अध्यक्ष पद को खतरा नहीं.
मंत्री पद से जिनकी छुट्टी की खबरें हैं उस लिस्ट में दूसरा नाम है राजस्व मंत्री हरीश चौधरी का. हरीश चौधरी बाड़मेर में कैलाश प्रजापति एकाउंटर केस में घिरते जा रहे हैं. इस केस की जांच सीबीआई कर रही है. प्रजापति के परिवार ने व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा के चलते चौधरी पर एकांउटर कराने का आरोप लगाया है. हालांकि चौधरी ने कहा कि ये आरोप निराधार हैं. सीबीआई जांच में सबकुछ साफ हो जाएगा.
फेरबदल में सचिन पायलट कोटे से गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों पर भी तलवार लटकी है. ऐसे 6 मंत्री हैं जिन्हें पायलट अब अपने कोटे में नहीं मानते हैं. गहलोत के बचाव करने पर ही मंत्री पद बच सकता. पायलट कोटे के ये मंत्री अब कह रहे हैं कि वे पार्टी आलाकमान के कोटे में हैं.
गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल में पायलट कोटे से करीब 4 नए मंत्री बनाने की अटकलें हैं. लेकिन कांग्रेस आलाकमान इस फेरबदल में मंत्रियों की परफॉर्मेंस के अलावा जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का ध्यान रखना चाहता है. मकसद है ढाई साल बाद होने वाले चुनाव के लिए मंत्रियों की बेहतर टीम. जिसमें गहलोत के साथ पायलट गुट की भी भागीदारी हो. 28 जुलाई को राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन जयपुर आ रहे हैं. सभी विधायकों को 28 व 29 तारीख को जयपुर रहने के लिए कहा गया.
माकन विधायकों से वन टु वन मिलेंगे. लेकिन इसके पीछे मकसद ये है कि इन दो दिन में मंत्रिमडंल में फेरबदल कर दिया जाए. निर्दलीयों और बीसएपी से कांग्रेस में आए विधायकों को मंत्रिमडंल में शामिल करने पर अभी सहमति नहीं बनी है. लेकिन गहलोत निर्दलीय और बीसएपी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों को भी भागीदारी देना चाहते हैं. गहलोत मंत्रिमडंल में कुल 30 मंत्री बन सकते हैं. अभी 21 हैं. यानी 9 नए मंत्री बन सकते हैं. लेकिन फेरबदल में जितने मंत्री हटाए जाएंगे उतने ही अधिक नए मंत्री बनेंगे.
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