इंदौर। अगले महीने से शुरू होने वाले गांव की ओर कार्यक्रम में भाजपा के प्रवासी कार्यकर्ता भेजे जाएंगे, जिसमें हर स्तर के जनप्रतिनिधियों के नाम भी शामिल किए गए हैं, लेकिन प्रवासी कार्यकर्ता बनने में पार्षद रुचि नहीं दिखा रहे हैं। वह अपना नाम सूची से कटवाने में लगे हुए हैं, क्योंकि अगले महीने से अभियान शुरू होने के बाद यह अभियान लोकसभा चुनाव तक सतत जारी रहेगा, जिसमें एक-एक बूथ की जवाबदारी भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों को दी जाएगी।
कल हुई बैठक में यह जानकारी दी गई। हालांकि भाजपा का इसके पीछे उद्देश्य है कि केंद्र सरकार की योजनाओं को बूथों तक पहुंचाया जाए, लेकिन कमजोर बूथों पर किस तरह का काम हो रहा है, इसकी भी रिपोर्ट प्रवासी कार्यकर्ता करेंगे। वहीं किन-किन लोगों को केंद्र की योजनाओं का लाभ मिला है उसकी सूची भी तैयार करेंगे। इसके साथ ही उस क्षेत्र में रहने वाले दूसरे संगठनों के कार्यकर्ताओं से भी उनको मुलाकात करने का कहा गया है। इसी को लेकर 9, 10 और 11 फरवरी को यह अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में एक दिन पूरे 24 घंटे एक बूथ पर प्रवासी कार्यकर्ता को रहना होगा।
इसके लिए इंदौर शहर में 1604 बूथों पर यह अभियान चलाया जाएगा। बैठक में संभाग प्रभारी राघवेंद्र गौतम ने सभी प्रवासी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया, लेकिन इस बीच प्रवासी कार्यकर्ताओं के रूप में चुने गए कुछ जनप्रतिनिधि अपना नाम सूची में से कटवाने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कई पार्षदों ने कहा है कि वह अपने क्षेत्र में व्यस्त रहने के कारण प्रवासी कार्यकर्ता के रूप में समय नहीं दे पाएंगे, क्योंकि यह कार्यक्रम आगामी लोकसभा चुनाव तक चलना है। इसके अलावा उन्हें दूसरे भी बहुत से काम हैं। अभी यह तय नहीं किया गया है कि किस बूथ पर किस कार्यकर्ता को भेजा जाएगा। सूची बनने के पहले ही उसमें से नाम कटवाने की कोशिश शुरू हो गई है। वैसे सूची में कुछ बड़े नेताओं के नाम भी दिए गए हैं, जो प्रवासी कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगे। अब देखना यह है कि संगठन सूची में से किस-किसके नाम काटता है?
ये काम करना होगा प्रवासी कार्यकर्ताओं को
बूथ समिति की बैठक करना, जनसंघ एवं भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से मिलना, विचार परिवार के कार्यकर्ताओं से भेंट, युवाओं, किसान समूह एवं व्यापारी समूह से भेंट, प्रतिभावान विद्यार्थियों, खिलाडिय़ों से संपर्क, प्रभावित मतदाता पुरस्कृत व्यक्तियों से मिलना, एनजीओ एवं स्वास्थ्य सहायता समूह से जुड़े लोगों से मिलना, धार्मिक स्थलों के दर्शन, अजा, जजा मोहल्ले में संपर्क, लाभार्थी संपर्क, जनप्रतिनिधियों से भेंट, शहीद सैनिक परिवारों एवं राजनीतिक हिंसा से पीडि़त परिवारों से संपर्क, स्वच्छता अभियान, पर्यावरण संरक्षण एवं अमृत सरोवर पर स्वच्छता जैसा कोई कार्यक्रम करना, पार्टी में नए शामिल हुए व्यक्तियों से मिलने के साथ-साथ खेल गतिविधियों का आयोजन करना।
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