इंदौर। राजस्व वसूली को लेकर जिला प्रशासन काफी पिछड़़ गया है। 120 करोड़ के टारगेट के बावजूद भी अब तक सिर्फ 40 करोड़ ही वसूल पाए हैं। राजस्व वसूली महाभियान के बावजूद भी जिला प्रशासन टारगेट पूरा नहीं कर पाया है। कल कमिश्नर दीपकसिंह ने समीक्षा कर जहां बड़े बकायादारों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। वहीं प्रशासन असमंजस में है कि 60 करोड़ कैसे वसूले।
पूरे वित्तीय वर्ष में राजस्व अभियान के बावजूद भी प्रशासन न केवल नामांकन, बंटाकन, सीमांकन व नक्शा तरमीम में पिछड़़ा हुआ था, बल्कि बड़े बकायादारों से राजस्व वसूलने में भी पिछड़ गया था। मध्यप्रदेश शासन द्वारा इंदौर जिले को 120 करोड़ का टारगेट दिया गया था, लेकिन प्रशासन सिर्फ पूरे साल में 40 करोड़ ही वसूल पाया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार यदि एड़ी चोटी का जोर भी लगाया जाए तो 80 करोड़ की वसूली नहीं की जा सकती है। कई बड़े बकायाादारों की सूची तैयार करने पर लगभग 60 करोड़ का आंकड़ा अधिकारियों के सामने आया है, लेकिन सिर पर चुनाव की तलवार लटकने के कारण व्यस्तताएं बहुत हैं।
ज्ञात हो कि पूर्व में भी विधानसभा चुनाव के चलते चार महीने की व्यस्तता रही। अक्टूबर माह से ही प्रशासन चुनाव मोड में आ गया था और पुराने अटके मामलों को निपटाने में जुट गया था। जनवरी से एक बार फिर राजस्व महाअभियान की शुरुआत हुई और 39वें नम्बर से प्रशासन ने धीरे धीरे अपनी रैकिंग सुधारी। सूत्रों के अनुसार बचे हुए समय में 10 से 20 करोड़ ही हाथ आऐगा। पेन्डेन्सी रह ही जाएगी।
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