इन्दौर। कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए एक नया प्रयोग करने जा रही है। पिछले नगर निगम चुनाव में पार्षद उम्मीदवारों को एक बड़ी जवाबदारी दी जा रही है। 85 में से 19 वार्ड में कांग्रेस के पार्षद हैं और बाकी उम्मीदवारों को मिलाकर उन्हें अपने-अपने वार्ड की जवाबदारी दी जाएगी। उन्हें क्या और कैसे करना होगा, इसको लेकर भोपाल में 12 अक्टूबर को बैठक रखी गई है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ संबोधित करेंगे।
मिशन 2023 को लेकर कांग्रेस ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। वरिष्ठ नेताओं की बैठक और प्रभारियों को बदलने के बाद कांग्रेस अब वार्ड स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की रणनीति बना रही है। कमलनाथ एक नया प्रयोग कांग्रेस में करने जा रहे हैं, जिसमें वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ वार्ड स्तर की जवाबदारी पार्षदों को दी जा रही है, जिसमें हारे-जीते पार्षद शामिल हैं। शहर में कांग्रेस के 66 पार्षद हारे थे और मात्र 19 पार्षद जीते थे। उन्हें बराबरी की जवाबदारी दी जा रही है। यानि प्रदेशभर के जो उम्मीदवार पार्षद का चुनाव तक हार गए, उन्हें विधानसभा जिताने की जवाबदारी दी जाएगी। इसके लिए कमलनाथ ने 12 अक्टूबर की सुबह साढ़े 10 बजे एक बैठक रखी है।
बैठक में शामिल होने के लिए शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के साथ सभी सुबह इंदौर से रवाना होंगे। पार्षदों को जवाबदारी देने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि वे हाल ही में चुनाव लड़े थे और उन्हें अपने वार्ड की भौगोलिक स्थिति के साथ-साथ जातिगत और राजनीतिक समीकरण की जानकारी है,जिसका उपयोग विधानसभा चुनाव में किया जा सकता है। इन्हें जवाबदारी देने से पार्टी का आधा काम हो जाएगा और फिर बड़े नेताओं के साथ इनका सामंजस्य भी बना रहेगा। इसके साथ ही इनके पास अभी पूरा डाटा मौजूद है तो चुनाव लडऩे के काम आ सकता है। बूथ के प्रभारियों के साथ-साथ जिन लोगों को बूथ के अंदर बैठने की जजवाबदारी दी गई थी, उनकी सूची भी इनके पास हैं। इसके साथ ही मंडलम-सेक्टर के पदाघिकारियों की बैठक अलग से होगी। बैठक में पार्षदों के साथ-साथ जिला और जनपद पंचायत के प्रतिनिधि और चुनाव हार चुके उम्मीदवार भी मौजूद रहेंगे।
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