जयपुर । राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम (Former Deputy CM) सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने पूर्ववर्ती वसुंधराराजे सरकार (Previous Vasundhara Raje Government) में 45 हजार करोड़ रुपए के खान घोटाले सहित (Including Mine Scam worth Rs. 45000 Crore) अन्य मामलों में हुए (Occurred in Other Cases) भ्रष्टाचार (Corruption) का आरोप लगाया (Was Accused) । साथ ही गहलोत सरकार पर इन आरोपों की जांच नहीं कराने का आरोप लगा दिया है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पद संभालने के बाद भाजपा कार्यालयों के जमीन आवंटन, पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के कार्यकाल के आखिरी छह महीनों के फैसलों की जांच सहित अन्य मामलों की जांच के लिए कई कैबिनेट सब कमेटियों का गठन किया था, लेकिन एक भी कैबिनेट सब कमेटी की जांच रिपोर्ट आज तक उजागर नहीं हुई है। इसी के चलते सचिन पायलट को अपनी ही सरकार के खिलाफ साढ़े चार साल चार महीने के बाद यह कदम उठाना पड़ा है।
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के एक दिन के अनशन को लेकर राजनीतिक पंडितों के मन में कई सवाल खड़े हो गए हैं। पहला और सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह कि क्या अब भाजपा आलाकमान आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम वसुंधराराजे को लेकर कोई बड़ा फैसला लेगा? क्या भाजपा आलाकमान अब सचिन पायलट के आरोपों के बाद वसुंधरा राजे को सीएम उम्मीदवार या कोई अन्य महत्वूपर्ण जिम्मेदारी देने के साथ मैदान में उतरेगा?
भाजपा आलाकमान और प्रदेश नेतृत्व सचिन पायलट के आरोपों पर जवाब देने के बजाए वर्तमान गहलोत सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग उठा रहा है। इससे साफ है कि सचिन पायलट के आरोपों से भाजपा में भी हड़कंप मचा हुआ है। खास तौर पर वसुंधरा राजे खेमे के समर्थक सांसदों, विधायकों और भाजपा पदाधिकारी हक्के-बक्के हैं। वह समझ नहीं पा रहे है कि आखिर गहलोत सरकार के कार्यकाल आखिरी छह महीनों में यह मामला क्यों उठ रहा है। आखिर पूर्ववर्ती वसुंधराराजे पर ही क्यों आरोप लगाए जा रहे हैं।
हालांकि भाजपा नेता अपनी पूर्ववर्ती वसुंधराराजे सरकार के कार्यकाल के बचाव में उतर आए है। प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने ट्वीट करके कहा है कि राजस्थान कांग्रेस में घमासान सडकों पर है, साथ ही गहलोत सरकार में महिलाओं पर अत्याचार, दलित शोषण,खान घोटालों और पेपरलीक घोटाले मे कांग्रेसजन मौन क्यों है? पुजारी और संतो की मौत का जिम्मेदार कौन है? तुष्टिकरण के मामलों से बहुसंख्यकों की विरोधी सरकार की दुर्गति निश्चित है।
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के अनशन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सचिन पायलट को पूर्ववर्ती भाजपा शासन पर अनर्गल आरोप लगाने की बजाय अपनी ही कांग्रेस सरकार के 4 साल 4 माह के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की भी निष्पक्ष जांच की मांग उठानी चाहिए थी, लेकिन दुर्भाग्य रहा कि उन्होंने अपनी सरकार के काले कारनामों पर एक शब्द भी नहीं बोला ।
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