इंदौर। ईओडब्ल्यू ने चार दिन पहले एमपी एग्रो धार में पदस्थ प्रबंधक रमेशचंद्र रूपारिया के इंदौर, धार, भोपाल और शाजापुर के छह ठिकानों पर छापे मारकर उसकी करोड़ों की संपत्ति का खुलासा किया था, लेकिन चार दिन बाद भी विभाग ने उसे सस्पेंड नहीं किया है, जबकि ईओडब्ल्यू ने विभाग को भी पत्र लिख दिया है। वहीं अब तक उसके लॉकर भी नहीं खोले जा सके हैं। टीम वहां भेजी जाएगी। ईओडब्ल्यू के सूत्रों के अनुसार बैंक और विभाग को कल पत्र भेजा जा चुका है, ताकि उसे पद से हटाया जा सके, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है। बैंक से भी खातों की जानकारी छुट्टी होने से नहीं मिल पाई है। आज-कल में उसके भोपाल और धार के लॉकर खोलने के लिए टीम भेजी जाएगी। लॉकर से भी पुलिस को लाखों रुपया और सोना मिलने की उम्मीद है। उसके घर से 50 लाख का सोना और तीन किलो चांदी पहले ही मिल गई है। हालांकि कैश में कोई राशि नहीं मिली है।
पत्नी और साले के नाम की जमीन पर मॉलनुमा बिल्डिंग बनाने वाला था
पुलिस ने छापे के दौरान उसके घर से यूं तो दो दर्जन संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए थे, जिनकी जांच की जा रही है। इनमें हॉस्पिटल से लेकर 52 बीघा जमीन है। इसके अलावा पुलिस को उसके घर से पत्नी और साले के नाम पर मोहन बड़ोदिया में मौके की बड़ी जमीन के कागज मिले हैं। इस पर उसने एक बड़ी बिल्डिंग के लिए परमिशन भी ले रखी है। इस पर वह अपने बेटे के नाम की कंपनी का ऑफिस खोलने वाला था। इसकी भी जांच की जा रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि साले के नाम की कई संपत्तियों के कागज उसके घर से मिले हैं। संपत्ति साले की थी तो उसके कागज इसके घर में क्या कर रहे हैं। जांच में यदि पत्नी और साले की भूमिका सामने आती है तो उनको भी आरोपी बनाया जा सकता है।
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