इंदौर (Indore)। नगर निगम की माली हालत तो खस्ता है ही, वहीं सम्पत्ति कर वसूली में भी वह फिसड्डी साबित होता रहा है, जिसके चलते अब बड़े बकायादारों के खिलाफ जब्ती-कुर्की की कार्रवाई भी शुरू की गई और इन बकायादारों की सम्पत्तियों पर निगम कुर्की करते हुए सूचना बोर्ड भी लगवा रहा है। 1100 करोड़ से अधिक का सम्पत्ति कर सभी 19 झोनों में बकाया हो गया है और वर्तमान में सम्पत्तिधारकों की संख्या निगम रिकॉर्ड के मुताबिक 6 लाख 79 हजार 800 हो गई है। निगम के सम्पत्तिधारकों की संख्या में भी विगत 2 वर्षों में इजाफा हुआ है, क्योंकि तेजी से टाउनशिप सहित अन्य कॉलोनियां और बिल्डिंगें तो बनी ही है, वहीं व्यवसायिक सम्पत्तियों की भी काफी रजिस्ट्रियां हो रही है। यही कारण है कि निगम के सम्पत्तिधारकों की संख्या में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है और सबसे अधिक 60 हजार से ज्यादा सम्पत्तिधारक झोन क्र. 13 और झोन क्र. 8 में हैं।
निगम सीमा में शामिल 29 गांवों में ही सबसे अधिक सम्पत्तिधारक बढ़े हैं। वहीं नगर निगम की बकाया राशि की अगर बात की जाए तो वर्तमान में 1137 करोड़ रुपए से अधिक का कर बकाया है। उनमें भी 50 हजार से अधिक की राशि जिन सम्पत्तिधारकों पर बकाया है उनकी संख्या भी 38604 है, जिन पर 933 करोड़ रुपए से अधिक वसूल किए जाना है। पिछले दिनों भी निगम ने झोनवार इन बड़े बकायादारों की सूची तैयार की और अपने राजस्व अमले को सौंपी। निगम के राजस्व समिति प्रभारी निरंजनसिंह चौहान गुड्डू का कहना है कि अब लगातार बड़े बकायादारों के खिलाफ सख्ती की जा रही है और उनकी अचल सम्पत्तियों की कुर्की हो रही है और अगर इसके बावजूद इन बकायादारों ने बकाया राशि जमा नहीं की तो फिर इन सम्पत्तियों की नीलामी कर निगम अपनी राशि वसूल करेगा।
चौहान का कहना है कि लगातार लोक अदालतों के माध्यम से भी इन बकायादारों को छूट का लाभ दिया गया, जिसमें कुछ बकायादारों ने राशि भी जमा की, मगर बड़ी संख्या में अभी भी बकायादार मौजूद हैं। निगम के अपर आयुक्त राजस्व नरेन्द्रनाथ पांडे ने बताया कि सभी बड़े बकायादारों पर अब सतत कड़ी कार्रवाई होगी। कल ही सहायक राजस्व अधिकारी वैभव डांगी ने 12 लाख 35 हजार रुपए से अधिक का सम्पत्ति कर बकाया होने के मामले में रविशंकर अग्रवाल की सम्पत्ति सर्वे क्र. 287/6 भिचौली मर्दाना की कुर्की कर निगम ने उस पर अपना बोर्ड भी लगा लिया। साथ ही महापौर पुष्यमित्र भार्गव और आयुक्त शिवम वर्मा ने सभी सम्पत्तिधारकों से अपील की कि वे अपने कर का समय पर भुगतान करें और कुर्की-जब्ती जैसी अप्रिय कार्रवाई से भी बचें। साथ ही निगम ने अपने राजस्व अमले को झोनवार इन बड़े बकायादारों की सूची भी सौंप दी है। 50 हजार से अधिक के बकायादारों की संख्या 38604 है, जिन पर 933 करोड़ से अधिक निगम को लेना है। इसमें सबसे अधिक बड़े बकायादार झोन क्र. 13 में 4518, उसके बाद झोन क्र. 18 में 4120 और झोन क्र. 8 में 4048, तो इसी तरह झोन क्र. 10 में 3846, झोन क्र.2 में 3055 बकायादार हैं। अब निगम लगातार इन बड़े बकायादारों के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रहेगा।
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