मां-बेटे आइसोलेशन में होने के कारण बुजुर्ग का अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं था
इन्दौर। कल सांईनाथ कॉलोनी (Sainath Colony) में एक बुजुर्ग की मृत्यु हो गई और परिवार के अन्य सदस्य कोरोना संक्रमण (Corona Transition) के चलते होम आइसोलेशन (Home Isolation) में थे, जिसके चलते बुजुर्ग के अंतिम संस्कार का मामला उलझन में पड़ गया, ऐसे में निगम की टीम ने अहमदाबाद (Ahmedabad) से बेटी के आए फोन के बाद मोर्चा संभाला और बुजुर्ग का विधि विधान का अंतिम संस्कार कराया। कई दिनों से कुछ जगह ऐसे मामले देखने में आ रहे हैं, जहां अंतिम संस्कार (Funeral) के लिए भी निगमकर्मियों को जिम्मेदारी निभाना पड़ रही है।
कल दोपहर में नगर निगम (municipal Corporation) अधिकारियों के पास अहमदाबाद (Ahmedabad) से एक युवती का फोन आया और उसने बताया कि उसके पिता बुजुर्ग अवस्था के चलते सांईनाथ कालोनी में मौत हो गई है और भाई और मां होम आइसोलेशन में है, इसी के चलते वे अंतिम संस्कार नहीं कर सकते। बेटी ने निगम अफसरों से मदद मांगी, जिसके चलते निगम के शव वाहन (Corpse Vehicle) और कुछ कर्मचारियों को सांईनाथ कालोनी स्थित परिवार के घर भेजा गया, वहां से निगमकर्मियों (Corporators) ने बुजुर्ग के शव को शव वाहन में रखकर सयाजी के समीप मुक्तिधाम पर विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया। बेटी ने निगम के अफसरों को इस कार्य के लिए न केवल धन्यवाद दिया, बल्कि उनके सहयोग को सराहा। शहर के कई स्थानों पर ऐसे ही वाकए हो रहे हैं। कुछ दिनों पहले भी अमेरिका से एक बेटे ने फोन पर अपने बुजुर्ग परिजन के अंतिम संस्कार के लिए निगम अफसरों से आग्रह किया था। हर रोज निगम के अधिकारी विभिन्न क्षेत्रों में मानीटरिंग कर इस संदर्भ में लोगों की परेशानियां दूर रहे हैं और सात से ज्यादा शव वाहन अस्पतालों और घरों से मुक्तिधामों के फेरे लगा रहे हैं।
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