100 से 150 पेड़ ही ट्रांसप्लांट के लायक पाए गए,स्थानों की भी सूची बनाई
इंदौर। खंडवा रोड (Khandwa Road) पर सडक़ निर्माण (Road Construction) का काम तेजी से चल रहा है। इसी के साथ ही वहां बाधक बन रहे पेड़ों (Trees) को लेकर माथापच्ची जारी है। निगम उद्यान विभाग (Corporation Garden Department) की टीम ने वहां सर्वे में सडक़ किनारे 900 से ज्यादा पेड़ चिह्नित किए हैं। इनमें 100 से 150 पेड़ ही ट्रांसप्लांट (Transplant) हो सकेंगे, शेष पर कुल्हाड़ी चलेगी। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि कुछ प्रजातियों के पेड़ों को शिफ्ट किया जाना संभव नहीं है।
शासन के निर्देश के बाद खंडवा रोड की सडक़ का काम निगम (Corporation) टीमों ने शुरू किया है। इसकी शुरुआत भंवरकुआं क्षेत्र (Bhanwarkuan area) के बजाय तेजाजी नगर (Tejaji Nagar) क्षेत्र से की गई है, क्योंकि वहां साइट क्लीयर होने के कारण काम तेजी से शुरू हो सकता था। अब कई हिस्सों में काम तेजी से चल रहा है। वहीं निगम के सामने भंवरकुआं चौराहे (Bhanwarkuan intersection) से तेजाजी नगर (Tejaji Nagar) तक सडक़ के दोनों छोर पर लगभग 900 पेड़ों का मामला परेशानी बढ़ा रहा है, क्योंकि इतनी संख्या में पेड़ों को काटे जाने पर हल्ला मच सकता है। इनमें कई ऐसे पेड़ हैं, जिन्हें ट्रांसप्लांट (Transplant) भी नहीं किया जा सकता। अब नगर निगम उद्यान विभाग की टीमें इस मशक्कत में जुटी हैं कि कितने पेड़ वहां से ट्रांसप्लांट (Transplant) किए जा सकते हैं। आने वाले एक सप्ताह में आला अधिकारियों के साथ इस मामले को लेकर निरीक्षण भी होना है।
पीपल, बड़ के पेड़ होंगे ट्रांसप्लांट
नगर निगम अधिकारियों (Municipal Corporation officials) के मुताबिक पूरे मार्ग पर लगे वर्षों पुराने पेड़ों के मामले में सर्वे रिपोर्ट तैयार की जा रही है। सडक़ के दोनों छोर पर अधिकांश मात्रा में बबूल, नीम, नीलगिरि, केसिया और अन्य ऐसी प्रजाति के पेड़ लगे हैं, जो पानी खेंचते हैं और उन्हें ट्रांसप्लांट (Transplant) किया जाना संभव नहीं है। इसी के चलते निगम बड़ और पीपल के साथ-साथ उन पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने की योजना बना रहा है, जिन्हें काटने के बजाय वहां से हटाया जा सकता है।
अधिकांश पेड़ों पर छाया खतरा
उद्यान विभाग (Garden Department) के अफसर मान रहे हैं कि 900 में से 100 से 150 पेड़ ही ट्रांसप्लांट (Transplant) के लायक हैं। इसके लिए जेसीबी, पोकलेन के साथ-साथ निगम के संसाधन लगाकर उन्हें विभिन्न स्थानों पर लगाया जाएगा। अभी निगम के आधिपत्य वाली भूमि की सूची बनाई जा रही है। इसके साथ-साथ कुछ शासकीय विभागों के परिसरों में भी ट्रांसप्लांट (Transplant) किए जाने वाले बड़, पीपल को लगाने की तैयारी है।
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