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    निगम करोड़ों का बिजली बिल बचाएगा, खुद बिजली बनाएगा

  • February 15, 2022

    सूरज की रोशनी से पानी पहुंचेगा इंदौर…
    – जलूद से नर्मदा का पानी इंदौर लाने के लिए हर माह तीन करोड़ यूनिट बिजली की खपत
    – 20 से 21 करोड़ का बिजली खर्च, 300 करोड़ की पुरानी देनदारी का मामला शासन को
    – अब 400 करोड़ का सोलर प्लांट लगाने की तैयारी, जलूद में नहीं मिली जमीन, अब खरगोन में खोजबीन
    इंदौर।  नर्मदा (Narmada) का पानी जलूद ( Jalud) से इंदौर (Indore) लाने के लिए नगर निगम (Municipal Corporation) को मशक्कत करना पड़ती है। इसके लिए हर महीने 20 से 21 करोड़ रुपए का बिजली बिल ही चुकाना पड़ता है। इसके अलावा स्टाफ पर लाखों का खर्च होता है। पहले नगर निगम ने जलूद के आसपास के गांव सामरा (Samra) और सांगली (Sangli) में सोलर प्लांट (Solar Plant) लगाने के लिए जमीन ढूंढी थी, लेकिन वहां अन्य औद्योगिक इकाई लगाने के चलते मामला उलझन में पड़ गया। अब खरगोन में सोलर प्लांट के लिए जमीन ढूंढी जा रही है।
    शहरभर में नर्मदा का पानी पहुंचाने के लिए स्थानीय स्तर पर 70 से ज्यादा पानी की टंकियां हैं और तीनों चरणों का करीब 450 एमएलडी पानी हर रोज इंदौर लाया जाता है। इस सबके पीछे नगर निगम (Municipal Corporation)  के पीएचई विभाग (PHE Department) और अन्य विभागों को खूब मशक्कत करना पड़ रही है। सबसे ज्यादा बिजली के बिल (Electricity Bill) को लेकर निगम के अफसर परेशान हैं। हर माह जलूद ( Jalud)  से इंदौर पानी लाने पर 20 से 21 करोड़ का खर्च होता है और यह राशि कुछ समय से विद्युत मंडल की निगम पर बकाया थी, जो 300 करोड़ से ज्यादा तक पहुंच गई थी। बिजली (Electricity) के बिलों (Bills) का सरचार्ज (Surcharge) माफ करने का मामला उलझन में पड़ा था और 300 करोड़ की राशि का प्रस्ताव अब शासन के पास भेजा गया है। संभवत: इसका निराकरण इसी माह हो जाएगा। नगर निगम (Municipal Corporation)  के अधिकारियों के मुताबिक जलूद और कुछ अन्य स्थानों पर नर्मदा का पानी लाने के लिए विद्युत मंडल की टीम से सब-स्टेशन बनवाए गए हैं और तीन कनेक्शनों का तगड़ा बिल (Bill) अब निगम की परेशानी बढ़ा रहा है।


    एक मेगावाट के सोलर प्लांट पर तीन से चार करोड़ का खर्च
    अधिकारियों के मुताबिक सोलर प्लांट (Solar Plant) लगाने के पहले कई बिंदुओं पर संबंधित एजेंसियों से विचार-विमर्श किया जा चुका है। एक मेगावाट सोलर प्लांट (Solar Plant)  पर तीन से चार करोड़ का खर्च लगता है। इस मान से 100 मेगावाट पर करीब 400 करोड़ का अनुमानित खर्च है।


    सारी तैयारियां पूरी, जमीन मिलते ही काम होगा शुरू
    नगर निगम (Municipal Corporation)  अधिकारियों के मुताबिक निगम अपने स्तर पर डेढ़ करोड़ यूनिट बिजली (Electricity) बनाने के लिए सोलर प्लांट (Solar Plant) लगाने हेतु पहले जलूद के पास के दो गांवों में जमीन देख चुका था। उसके प्रस्ताव शासन को बनाकर भेजे गए थे, लेकिन वहां पहले औद्योगिक इकाई स्थापित होने के चलते मामला उलझन में पड़ गया। इसी के चलते इस काम में देरी हो गई। अब खरगोन प्रशासन से सोलर प्लांट के लिए जमीन मांगी जा रही है, जिसके मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने अपनी तैयारी पूरी कर रखी है।


    पूरा परिसर कैमरे और सुरक्षाकर्मियों की जद में रहेगा
    निगम जिस स्थान पर सोलर प्लांट (Solar Plant) लगाने जा रहा है, वहां विभिन्न कारणों के चलते परिसर के अंदर-बाहर से लेकर कई स्थानों पर न केवल कैमरे लगाए जाएंगे, बल्कि वहां बाहर से लेकर अंदर के महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती भी की जाएगी। ठीक इसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था जलूद में पंप हाउस के आसपास के क्षेत्रों में भी है, क्योंकि कई वर्षों पूर्व पंप हाउस के आसपास नशे में कुछ लोग पहुंच गए थे और खूब हंगामा किया था।

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