महापौर के निर्देश पर संकल्प-पत्र हुआ जारी, अब तक टेंट, तंबू और आयोजनों पर लाखों होते हैं खर्च
इन्दौर। अभी तक नगर निगम वार्ड स्तर पर ही होने वाले छोटे-मोटे भूमिपूजन, लोकार्पण या अन्य आयोजनों पर लाखों रुपये फूंक देता था। अब ऐसी फिजूलखर्ची पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने रोक लगाई है और पिछले दिनों महापौर परिषद की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव भी पारित किया, जिसके चलते अब संकल्प क्रमांक 35 जारी कर दिया है, जिसमें पांच करोड़ से अधिक के विकास कार्यों के आयोजनों पर अधिकतम व्यय सीमा 50 हजार ही रहेगी।
नगर निगम ने कई आयोजनों पर मूल खर्च से ज्यादा पैसा टेंट, तंबू, नाश्ते, हार-फूल और अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च कर डाले। जब ऐसे कुछ मामले महापौर की जानकारी में आए तो उन्होंने इस तरह की फिजूलखर्ची पर अंकुश लगाने का निर्णय लिया, क्योंकि वैसे ही निगम का खजाना खाली है और ठेकेदारंो के करोड़ बकाया हो गए। अब नए संकल्प के मुताबिक वार्डों में होने वाले विकास कार्य से संबंधित कार्यक्रमों को संभवत: एक ही स्थान पर आयोजित करने, टेंट, साउंड, लाइट व अन्य खर्चों की अधिकतम सीमा भी तय कर दी। अब एक से पांच करोड़ तक के विकास कार्यों के भूमिपूजन, लोकार्पण समारोह पर अधिकतम 35 हजार रुपये निगम खर्च कर सकेगा, वहीं 5 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों पर 50 हजार रुपये की राशि खर्च होगी। मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, प्रभारी या विभागीय मंत्री की उपस्थिति में होने वाले आयोजनों की व्यवस्था महापौर या आयुक्त द्वारा दिए गए निर्देशानुसार की जाएगी। इसी तरह रैली या अन्य संस्थाओं के आयोजनों में भी सक्षम स्वीकृति के पश्चात ही निगम राशि खर्च कर सकेगा
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