पैदल चलने के लिए फुटपाथ बनाए और दे दी चार्जिंग स्टेशन बनाने की अनुमति
शहर में 47 स्थानों पर इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए निजी कंपनी को दी वाहन चार्जिंग स्टेशन बनाने की अनुमति, ट्रैफिक के लिए बनेंगे व्यवधान
फुटपाथ पर स्टेशन…सडक़ पर गाडिय़ां होंगी खड़ी…ट्रैफिक का सत्यनाश
इंदौर। अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड (एआईसीटीएसएल) द्वारा पीपीपी मॉडल पर एक कंपनी के साथ शहर में 47 नए चार्जिंग स्टेशन बनाए जाने की घोषणा की है। ये स्टेशन अगले छह माह में बनकर तैयार होंगे। इन स्टेशनों से इलेक्ट्रिक वाहन चालकों को तो सुविधा मिलेगी, लेकिन इनसे ट्रैफिक जाम की समस्या और गंभीर हो सकती है, क्योंकि इन स्टेशनों को सडक़ किनारे फुटपाथ पर बनाया जाएगा। इस पर चार्जिंग के लिए आने वाले बड़े वाहन सडक़ों पर ही पार्क होंगे, जिससे पहले से ट्रैफिक की समस्या से जूझ रहा शहर और परेशानी में पड़ सकता है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में एआईसीटीसीएसएल ने शहर में बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहनों को ऑन-रोड चार्जिंग की सुविधा देने के लिए शहर में 47 चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम दिल्ली की एक कंपनी को दिया है। यह काम छह माह में पूरा होगा। एआईसीटीएसएल के अधिकारियों ने बताया कि ये सभी चार्जिंग स्टेशन प्रमुख सडक़ों के किनारे फुटपाथ पर बनाए जाना प्रस्तावित हैं। फुटपाथ पर स्टेशन बनने से पैदल राहगीरों को भी परेशानी होगी, साथ ही यहां वाहन लाकर चार्ज करने पर सडक़ पर जाम भी लगने की संभावना है। फुटपाथ पर कार पार्किंग होना तो संभव होगा नहीं, इसलिए कारें सडक़ पर ही खड़ी होकर चार्ज होंगी, जिससे सडक़ों पर भी ट्रैफिक बाधित होगा। अधिकारियों का कहना है कि फुटपाथ पर पैदल राहगीरों को परेशानी ना हो, इसके लिए स्टेशन के पीछे एक मीटर खाली हिस्सा छोड़ा जाएगा, जिससे लोग निकल सकेंगे।
निगम की पार्किंग में कोई चार्जिंग स्टेशन नहीं, यहां होते तो बेहतर होते
एक्सपर्ट्स का कहना है कि नगर निगम द्वारा शहर में कई मल्टीलेवल कार पार्किंग बनाई गई हैं। ये ज्यादातर खाली रहती हैं। प्रबंधन को चार्जिंग स्टेशन इन पार्किंग के अंदर बनाने चाहिए, ताकि वाहन मालिक यहां वाहन पार्क करते हुए चार्जिंग कर सकें। इससे सडक़ें भी बाधित नहीं होंगी और वाहन मालिकों को भी सुविधा होगी। इससे इन पार्किंग का उपयोग भी बढ़ जाएगा।
गोकुलदास के पास बनेगा देश का पहला नेटमीटर स्टेशन
अधिकारियों ने बताया कि इन चार्जिंग स्टेशनों पर विद्युत सप्लाय से भी चार्जिंग की सुविधा होगी, वहीं कुछ स्टेशनों को सोलर एनर्जी आधारित भी बनाया जाएगा। गोकुलदास हॉस्पिटल के पास बनने वाला स्टेशन देश का पहला नेटमीटर सिस्टम से लैस स्टेशन होगा। यहां पैदा होने वाली अतिरिक्त बिजली को विद्युत कंपनी तक को बेचा जाएगा। यह प्रदेश का पहला सोलर एनर्जी स्टेशन भी होगा।
अभी चोरी रोकने की व्यवस्था नहीं
चार्जिंग स्टेशनों पर कोई व्यक्ति मौजूद नहीं होगा। यहां वाहन को चार्ज करने के लिए शुल्क का भुगतान एक एप के माध्यम से होगा। इसमें प्रीपेड और पोस्टपेड जैसे दोनों विकल्प होंगे, लेकिन पोस्टपेड के विकल्प में अगर कोई व्यक्ति अपने वाहन को चार्ज करने के बाद शुल्क का भुगतान नहीं करता है तो राशि को वसूल करने की कोई व्यवस्था अभी सिस्टम में नहीं है। सिर्फ उस नंबर पर दोबारा चार्जिंग की सुविधा तब ही मिलेगी, जब वह पिछला बकाया भुगतान करेगा।
15 से 20 रुपए प्रति किलोवॉट देना होगा शुल्क
प्रबंधन के मुताबिक इन चार्जिंग स्टेशनों में अलग-अलग तरह से बनाए जाएंगे। इनमें गाड़ी और चार्जर के अनुकूल स्लो और फास्ट चार्जिंग के विकल्प होंगे। स्लो चार्जिंग के लिए प्रति किलोवॉट 15 रुपए और फास्ट चार्जिंग के लिए 20 रुपए प्रति किलोवॉट चुकाने होंगे। फास्ट चार्जिंग के जरिए जहां करीब एक घंटे में कार फुल चार्ज होगी, वहीं स्लो में चार से पांच घंटे का समय लगेगा। एक कार को चार्ज होने में चार से पांच रुपए वॉट तक खर्च होंगे।
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