इंदौर। सिंहस्थ के चलते नगर निगम और प्रशासन बड़े पैमाने पर शहर में कई कार्यो की शुरुआत आने वाले दिनों में करने जा रहा है और इसको लेकर नगर निगम कमिश्नर ने आला अधिकारियों की सेल भी गठित कर दी है । ग्रामीण क्षेत्र के चार हिस्सों में 150 करोड़ के चार नए एसटीपी बनाए जाएंगे और उनकी मदद से गंदा पानी रोका जाएगा। एसटीपी के लिए सरकारी जमीन ढूंढी जा रही हैं।
पिछले दिनों कलेक्टर आशीष सिंह और नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा के साथ प्रशासन और नगर निगम के अलावा कई अन्य विभागों के बड़े अफसरों की बैठक सिंहस्थ के चलते इंदौर में होने वाले कार्यों को लेकर आयोजित हुई थी। सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि वे अपने-अपने विभागों के अधीन होने वाले कार्यों की रूपरेखा और प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर लें, ताकि आने वाले समय में जल्द से जल्द इसके कार्य शुरू कराए जा सके । इसी के चलते नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने होने वाले कार्यों के लिए सेल गठित की है। कई आला अधिकारियों को भी शामिल किया गया है।
ड्रेनेज सफाई कार्य के लिए खरीदेंगे चार-चार करोड़ की आधुनिक मशीनें
नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक सिंहस्थ के चलते आने वाले दिनों में तेजी से काम शुरू कराए जाएंगे। सबसे पहले दौर में पूरे शहर के ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने के लिए कई कार्य शुरू होंगे। चूंकि, वर्तमान में नगर निगम ड्रेनेज विभाग के पास कर्मचारियों की बेहद कमी है, इसी के चलते बड़े पैमाने पर अत्याधुनिक गाडिय़ां खरीदी जाएंगी, ताकि उनकी मदद से डे्रनेज सफाई कार्य तेजी से हो सके। अधिकारियों के मुताबिक इनमें कई आधुनिक गाडिय़ों की कीमत चार से पांच करोड रुपए तक भी हैं।
चार एसटीपी के लिए ढूंढ रहे हैं जमीन
नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक कबीटखेड़ी ट्रीटमेंट प्लांट और आसपास के कई क्षेत्रों से गंदा पानी शिप्रा नदी में जाने की शिकायत आ रही है और इसी के चलते अब ग्रामीण क्षेत्रों में चार नई सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे। अधिकारियों के मुताबिक बड़ा बांगड़दा, केलोदहाला, मायाखेड़ी, और कुमेड़ी में नए प्लांट बनाए जाने की योजना है और इस पर करीब 150 करोड़ रुपए का खर्च संभावित है। निगम राजस्व विभाग के साथ-साथ प्रशासन और नजूल विभाग की जमीनों की खोजबीन की जा रही है।
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