इंदौर। कोरोना के चलते और कड़की में आ गए नगर निगम को अब सम्पत्ति कर से ही उम्मीद है। हालांकि शहर के सारे व्यवसायिक प्रतिष्ठान मालिक भी कोरोना का रोना रो रहे हैं। उनके पास कर जमा करने के भी पैसे नहीं हैं। दूसरी तरफ नगर निगम तीन हजार बहुमंजिला इमारतों की नपती यानी जांच करवाएगा, ताकि कर चोरी पकड़ी जा सके। अग्रिम कर जमा करवाने वालों को आज अंतिम मौका है, जब वे 6.25 प्रतिशत की छूट हासिल कर सकते हैं।
150 करोड़ से अधिक का सम्पत्ति कर नगर निगम वसूलता है, दूसरी तरफ जल कर के मामले में भी उसे घाटा उठाना पड़ता है। अभी कोरोना के चलते नगर निगम का राजस्व भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। सम्पत्ति – जल कर तो कम जमा हुआ, वहीं अन्य तरह के अन्य मदों में भी उसे पैसा नहीं मिल सका। दूसरी तरफ निगम के मार्केटों में किराया भी उसे अलग माफ करना पड़ा। अब आयुक्त प्रतिभा पाल ने राजस्व बढ़ाने के लिए कर चोरी रोकने के निर्देश दिए हैं, जिसके चलते तीन हजार से अधिक बहुमंजिला इमारतों की जांच करवाई जा रही है, जिनमें होटल-हॉस्पिटल, शॉपिंग मॉल से लेकर अन्य सभी तरह के व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स और रहवासी कॉम्प्लेक्स भी शामिल रहेंगे। पिछले दिनों नगर निगम ने कुछ मॉल और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की जांच कर लाखों रुपए की कर चोरी के मामले भी पकड़े हैं। नगर निगम झोनवार सम्पत्ति कर वसूलता है और हर साल प्रत्यक्ष रूप से कर ना बढ़ाते हुए अप्रत्यक्ष तरीके से कर वृद्धि कर देता है। कभी चौड़ी सड़कों, व्यवसायिक इलाकों से लेकर जिन क्षेत्रों में नई सड़कें और प्रोजेक्ट लाए गए वहां भी रेड झोन बदलकर अधिक सम्पत्ति कर लिया जा रहा है। इस बार कोरोना के चलते अप्रैल के महीने से नगर निगम राजस्व वसूली नहीं कर सका, क्योंकि पूरा शहर ही कफ्र्यू और लॉकडाउन की चपेट में था। 1 जून के बाद से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन अभी भी होटल, सिनेमा घर, जिम सहित कई गतिविधियां बंद ही हैं, जो 5 अगस्त से केन्द्र की नई गाइडलाइन के बाद खुलना शुरू होगी। इंदौर प्रशासन ने भी संकेत दे दिए हैं कि इन गतिविधियों को शुरू किया जाएगा, लेकिन शैक्षणिक संस्थाएं 31 अगस्त तक बंद रहेगी। निगम को उम्मीद है कि जांच से उसे अधिक सम्पत्ति कर मिल सकता है।
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