पहले हरियाली खत्म कर कार्यालय बनाए और अब बना दी पार्किंग
पूरे परिसर में ड्रेनेज और लाइट सुधारने वाली गाडिय़ों का अंबार
इन्दौर। वर्षों पहले नेहरू पार्क (nehru park) के चप्पे-चप्पे पर हरियाली (Greenery) फैली हुई थी, लेकिन बाद में वहां स्मार्ट सिटी (smart City) के दफ्तर बने और उसके बाद फिर उद्यान Garden) का कबाड़ा (Junk) शुरू हो गया। अब कई जगह कार्यालय बन गए हैं और बड़े पैमाने पर वाहन (Vehicle) नेहरू पार्क परिसर में ही पार्क किए जा रहे हैं। उद्यान विभाग से लेकर ड्रेनेज विभाग और विद्युत विभाग की कई बड़ी गाडिय़ों का अंबार वहां दिनभर लगा रहता है।
नेहरू पार्क को संवारने के नाम पर करोड़ों रुपए की राशि खर्च की गई और वहां जगह-जगह कई कार्य कराए गए थे, लेकिन 6 माह के अंतराल में ही स्थिति बदहाल हो गई। कई जगह टूटी इंटरलाकिंग टाइल्सें और बंद पड़ीं लाइटें वहां हुए कामों की पोल खोल रही हैं। अब नगर निगम के कई बड़े वाहनों का पूरे परिसर में अंबार लगा रहता है। वहां सडक़ से लेकर आसपास के मार्गों पर भी विभागों की गाडिय़ों के साथ-साथ अफसरों के वाहन पूरे परिसर में खड़े कर दिए जाते हैं। वहां सुबह-शाम घूमने आने वाले क्षेत्रीय रहवासियों ने भी अफसरों को वहां से वाहन हटवाने के लिए कहा था, क्योंकि पूरे परिसर में वाहनों का जमघट लगा रहता है। नगर निगम के कई खटारा वाहन झोनलों से लेकर निगम मुख्यालय में भी सडक़ के बाहर तक खड़े कर दिए जाते हैं, जिसके चलते यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। निगम के पास करीब 900 से ज्यादा छोटे-बड़े वाहनों का अंबार है। इनमें कई वाहन जब खराब होते हैं तो उन्हें अलग-अलग स्थानों पर लावारिस पटक दिया जाता है।
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