उज्जैन। लंबे घाटे के बाद भी नगर निगम सिटी बस चलाने पर अड़ा हुआ है और 30 इलेक्ट्रिक बसें लाने की तैयारी की जा रही हैं जबकि 15 सीएनजी बसें नगर निगम के पास डीपो में हैं। सिटी बस चलाने के लिए अब यूटीसीएल बोर्ड में फुल टाइमर अधिकारी की नियुक्ति होगी जो सिर्फ सिटी बस का ही काम देखेगा, इसके लिए जल्द ही नगर निगम द्वारा विज्ञापन जारी कर अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। वर्तमान में सिटी बस में जो भी अधिकारी तैनात किए जाते हैं वह अधिकारी नगर निगम के इंजीनियर या फिर उपायुक्त स्तर के रहते हैं। इन अधिकारियों के पास नगर निगम का भी काफी काम रहता है। इस कारण में सिटी बस के काम पर ध्यान नहीं दे पाते हैं।
उज्जैन में सिटी बस क्यों फेल हुई और भारत के अन्य शहरों में सिटी बस मुनाफे में कैसे चल रही है। इसको जानने के लिए स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के एक दल ने हैदराबाद, चंडीगढ़, लुधियाना इंदौर एवं अन्य शहरों में सिटी बस व्यवस्था किस प्रकार चलाई जा रही है, इसका अध्ययन किया। इस अध्ययन के आधार पर दल ने बिंदु तैयार किए हैं। इन बिंदुओं के आधार पर ही आने वाले दिनों में सिटी बस का संचालन किया जाएगा। निगमायुक्त रोशन कुमार सिंह ने बताया फिलहाल नगर निगम के पास 15 सीएनजी बसें तैयार है और अच्छी-अवस्था में हैं इन बसों को हरि फटक ओवर ब्रिज के नीचे मन्नत गार्डन से चलाया जाएगा। जिससे महाकाल लोक आने वाले दर्शनार्थियों को सुविधा मिल सकेगी वहीं आने वाले दिनों में 30 इलेक्ट्रिक बस भी नगर निगम खरीद रहा है। इन सब बसों के संचालन और वित्तीय व्यवस्था ठेकेदार कंपनी पर नियंत्रण के लिए एक फुल टाइमर अधिकारी बैठाया जाएगा। इसके लिए जल्द विज्ञापन जारी कर इंटरव्यू लेकर नगर निगम नया अधिकारी की भर्ती करेगा। वहीं इस बार सिटी बस की टेंडर शर्तें भी लुधियाना, हैदराबाद, चंडीगढ़ जैसे सिटी बस के मुनाफे वाले शहरों की टेंडर के आधार पर होगी।
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