उज्जैन। शहर में बिना अनुमति निर्माण लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन नगर निगम के जिम्मेदार अफसर सिर्फ नोटिस देकर खानापूर्ति कर रहे है। अवैध निर्माण कार्यों पर पाबंदी व इन्हें रोकने की दिशा में जिम्मेदार अफसर कोई सख्त कदम उठाने को तैयार नहीं है। इसका अंदाजा झोन कार्यालय 5 के अंतर्गत चल रहे एक अवैध निर्माण को देखकर ही लगाया जा सकता हैं। खास बात यह है कि इस अवैध निर्माण पर नगर निगम की जेसीबी पहले भी चल चुकी है। बावजूद बिल्डिंग मालिक द्वारा अवैध निर्माण नहीं रोका गया। उल्लेखनीय है कि अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई के चलते करीब 5 माह पहले नगर निगम की टीम ने लक्ष्मी नगर स्थित एक दो मंजिला अवैध बिल्डिंग को जमींदोज करने की कार्रवाई की थी।
उस समय निगम के अधिकारियों ने बताया था कि भवन स्वामी मयंक जैन को रहवासी मकान बनाने की परमिशन दी गई थी लेकिन उन्होंने गलत तरीके से कमर्शियल बिल्डिंग का निर्माण कर लिया हैं, इसलिए भवन को तोडऩे की कार्रवाई की जा रही है, वहीं करीब साल भर पहले भी इस अवैध निर्माण को निगम द्वारा रोका गया था। बड़ा सवाल यह है कि अब इस अवैध निर्माण को नगर निगम के अधिकारी क्यों अनदेखा कर रहे हैं? क्या भवन मालिक को कार्रवाई का डर नहीं हैं? बिल्डिंग निरीक्षक द्वारा भी अब कई नियमों को नजर अंदाज किया जा रहा है। फिलहाल क्षेत्र के रहवासी इस अवैध निर्माण से संतुष्ट नहीं है। इसलिए बार बार वे स्वयं ही नगर निगम का ध्यान इस ओर खींचते है। चाहे इसके लिए उन्हें सीएम हेल्प लाईन का सहारा ही क्यों न लेना पड़े।
पहले भी शिकायत के बाद ही हुई थी कार्रवाई
शहर में गली, मोहल्ले और चौराहे अतिक्रमण की चपेट में हैं, लेकिन इन पर कार्रवाई तब तक नहीं की जाती जब तक कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायत न हो। यह स्थिति नगर निगम झोन क्रमांक 5 द्वारा कई बार देखी गई हैं। इस वजह से अब लोग भी सीएम हेल्पलाइन का ही सहारा ले रहे हैं। मामले में जब झोन कार्यालय 5 के बिल्डिंग निरीक्षक गायत्री प्रसाद ढेरिया से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे पास कोई शिकायत नहीं आई है। फिलहाल उक्त भवन मालिक द्वारा फिर से अवैध निर्माण किया जा रहा है तो निरीक्षण के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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