- मामला फायर सेफ्टी मापदंडों के उल्लंघन का, भोपाल हादसे के बाद उज्जैन के अस्पतालों की एक बार फिर जांच-पड़ताल शुरू
उज्जैन। भोपाल के हमीदिया अस्पताल में हुए अग्निकांड और उसमें 8 बच्चों की मौत, जिन्हें प्रशासन 4 ही बताता रहा है, के चलते अब सभी अस्पतालों के फायर सेफ्टी ऑडिट करवाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। नगर निगम ने पूर्व में भी कोरोना के दौरान कुछ निजी अस्पतालों में आग लगने के चलते फायर ऑडिट की खानापूर्ति की थी। जिले में 50 से अधिक निजी अस्पतालों की जांच होना थी, मगर आधी-आधूरी जांच हुई। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उज्जैन सहित देश के कुछ अस्पतालों में आगजनी की घटनाएं हुई, जिसमें कोरोना मरीजों सहित अन्य की मौत हो गई। अभी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में अग्निकांड हुआ, जिसके चलते 8 बच्चों की मौत हो गई। हालांकि प्रशासन 4 की मौत ही बता रहा है। इस घटना से आहत मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने जांच के साथ आपराधिक लापरवाही के मामले में किसी को ना बख्शने के दावे करते हुए सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के फायद सेफ्टी ऑडिट करवाने के निर्देश दिए हैं। उज्जैन में भी कलेक्टर ने आशीषसिंह ने पूर्व में सभी अस्पतालों की जांच करवाई थी। अब एक बार फिर निगम और स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों की जांच शुरू की है।
चरक अस्पताल में छठी मंजिल तक अग्निशमन यंत्र लगे हैं और गत दिवस यहाँ जाँच की तो इनमें से कई सिस्टम बंद मिले थे और उसके बाद अधिकारियों ने अस्पताल प्रबंधन को इन कमियों को दूर करने के निर्देश भी दिए हैं। इसी तरह फ्रीगंज पाटीदार, गुरुनानक अस्पताल, एसएस गुप्ता, संजीवनी, देशमुख, तेजनकर अस्पताल, सहर्ष हॉस्पिटल, आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज, चैरिटेबल अस्पताल में भी फायर सिस्टम अपडेट को लेकर पिछली बार भी नोटिस जारी किए थे क्योंकि 6 माह पहले कोरोना काल में उज्जैन के पाटीदार अस्पताल में आग लग गई थी और यहाँ चार मरीजों की जलने से मौत हो गई थी। स्थापित कर दिए गए हैं। उनकी भी जांच की जा रही है। वहीं 22 से अधिक निजी अस्पताल, जिनमें नर्सिंग होम भी शामिल हैं को नगर निगम ने नए सिरे से नोटिस जारी किए हैं। 50 से अधिक अस्पतालों को पिछले दिनों एनओसी जारी की गई थी और शेष अस्पतालों को एनओसी देने से पहले फायर सेफ्टी नॉम्र्स को लेकर जांच की जाएगी। सेफ्टी के दिशा-निर्देश कागजों पर ही रह गए और सरकारी अस्पतालों ने फायर सेफ्टी की एनओसी भी नहीं ली है। अब हमीदिया अस्पताल हादसे के बाद भोपाल में बैठे आला अफसरों की भी नींद खुली और ताबड़तोड़ उज्जैन सहित प्रदेशभर के अस्पतालों की फायर सेफ्टी की रिपोर्ट बुलवाई जा रही है।