इंदौर। नगर निगम (municipal Corporation) के जिंसी स्थित वर्कशॉप विभाग (workshop department) में वाहनों को लेकर लगातार प्रयोग होते हैं। पुरानी खटारा हो चुकी गाडिय़ों को नया स्वरूप देकर अलग-अलग प्रकार की गाडिय़ां बनाने के काम पहले हो चुके हैं। अब वर्कशॉप विभाग ने बैटरी से चलने वाली कचरा गाड़ी सवा लाख के खर्चे से एक माह में तैयार कर दी। यह गाड़ी कई वार्डों में कचरा उठाने के कार्य में लगाई गई है।
पहले निगम ने शहरभर से कचरा उठाने का जिम्मा एटूझेड कंपनी (etuzed company) को दे रखा था और शिकायतों के बाद उसे हटा दिया गया। निगम द्वारा कंपनी को दिए गए कई वाहन रखरखाव के अभाव में खस्ताहाल हो गए थे, जिन्हें पहले ट्रेंचिंग ग्राउंड और झोनलों (Trenching Grounds and Zones) पर पटक दिया गया था, बाद में जिंसी स्थित वर्कशॉप में लाया गया। यहां उनके अलग-अलग प्रयोग शुरू किए गए। कई गाडिय़ों के कलपुर्जों से नए वाहन तैयार किए गए तो दो माह पहले ही सबसे छोटी कचरा गाड़ी (garbage cart) तैयार की गई थी, जो तंग गलियों में कचरा उठाने के कार्य में लगाई गई है। फिर नगर निगम ने बैटरी से चलने वाले वाहनों को देखते हुए ऐसी ही एक कचरा गाड़ी बनाने का काम शुरू किया था, जो अब पूरा हो चुका है।
25 से ज्यादा गाडिय़ां तैयार करेंगे
वर्कशॉप विभाग के प्रभारी अधिकारी मनीष पांडे (Manish Pandey) के मुताबिक हाल ही में बैटरी से चलने वाली कचरा गाड़ी तैयार की गई है, जो चार से पांच घंटे में चार्ज हो जाती है और करीब छह से सात घंटे तक वार्डों में कचरा उठाने के लिए दौड़ाई जाती है। इस पर सवा लाख रुपए का खर्च आया है। कई पुरानी कचरा गाडिय़ों (old garbage trucks) की बॉडी का इसमें उपयोग किया गया है। कई दिनों तक परीक्षण के बाद अब इसे वार्डों में शुरू किया गया है। आने वाले दिनों में ऐसी 25 और गाडिय़ां तैयार करने की योजना है।
गलियों से कचरा उठाने के लिए डिमांड
कई वार्डों में तंग गलियों के कारण कचरा उठाने की कार्रवाई प्रभावित होती है। ऐसे में रहवासियों को कचरे को लेकर तमाम परेशानी उठाना पड़ती है। वार्डों से छोटी गाडिय़ों के लिए लगातार मांग आ रही है। निगम वर्कशॉप विभाग ने अपने स्तर पर ऐसी करीब 15 से ज्यादा छोटी गाडिय़ां तैयार की थीं। अब आने वाले दिनों में छोटी गाडिय़ां और बनाने की तैयारी चल रही है।
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