नगर तथा ग्राम निवेश के अभिन्यास निरस्ती के बाद भवन अनुज्ञा स्थगित करना निगम की बनी मजबूरी… कोर्ट स्टे भी मिलने लगे
इंदौर। ऑपरेशन बायपास (Operation Bypass) का जिम्मा नगर निगम (municipal Corporation) ने संभाल रखा है, जिसके चलते बायपास (Bypass) के जमीन मालिकों में हडक़म्प भी मचा है, क्योंकि दी गई अनुमतियां निरस्त की जा रही है। नगर निगम ने 150 से अधिक अवैध निर्माणों (Illegal Constructions) को चिन्हित भी किया है और नोटिस जारी करने का सिलसिला भी शुरू हो गया। हालांकि एक-दो लोग कोर्ट से स्टे भी ले आए हैं। दरअसल नगर तथा ग्राम निवेश ने जो 22 अभिन्यास अभी निरस्त किए उनके आधार पर नगर निगम (municipal Corporation) की मजबूरी है, जारी की गई भवन अनुज्ञाओं को स्थगित करने की। हालांकि इनमें कई अनुमतियां मौजूदा नियमों के मुताबिक ही दी गई है।
बायपास (Bypass) के 45 मीटर के कंट्रोल एरिया को बचाने की कवायद इसलिए की जा रही है, क्योंकि दोनों ओर सर्विस रोड पर भीषण जाम तो लगता ही है और गड्ढों से लेकर अन्य अव्यवस्थाएं भी बहुत है, जिसके चलते नागरिकों को परेशान होना पड़ता है। लिहाजा कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने मौजूदा सर्विस रोड (Service Road) को चौड़ा करने की कवायद शुरू करवाई और कंट्रोल एरिया बचाने के प्रयास भी किए, जिसके तहत उनके द्वारा दिए गए निर्देश के चलते नगर तथा ग्राम निवेश ने अभिन्यासों को निरस्त कर दिया। इसके बाद निगमायुक्त प्रतिभा पाल (Municipal Commissioner Pratibha Pal) ने भवन अनुज्ञा शाखा को निर्देश दिए कि वह दी गई अनुमतियों को भी स्थगित करने की प्रक्रिया शुरू करे। लिहाजा अपर आयुक्त संदीप सोनी के मुताबिक तीन तरह के निर्माणों को चिन्हित किया जा रहा है और उसी अनुरूप नोटिस देकर भवन निर्माण अनुमतियों को स्थगित किया जा रहा है। हालांकि अनुमति लेने वाले जमीन मालिक को जवाब देने का अवसर भी दिया गया है। लिहाजा कई जमीन मालिकों का कहना है कि उन्होंने नियम के तहत ही ये अनुमतियां ली हैं। हालांकि कई लोगों ने मौके पर ली गई अनुमतियों को विपरित निर्माण कर लिया। वहीं कई लोगों ने तो अनुमतियां ही नहीं ली है। नगर निगम (municipal Corporation) अपने अधिनियम 1956 के अलावा भूमि विकास नियम 2012 के तहत ही यह कार्रवाई कर रहा है और आयुक्त ने भवन अधिकारी और निरीक्षकों को निर्देश दिए कि वह बायपास (Bypass) के सारे अवैध निर्माणों को चिन्हित कर नोटिस देने की कार्रवाई पूरी करें, जिसके चलते निगम लगातार नोटिस जारी कर रहा है।
श्रीराम बिल्डर को भी मिलेगा फायदा…
नगर निगम (municipal Corporation) ने कल रात श्रीराम बिल्डर (Shriram Builder) को दी गई भवन अनुज्ञा भी निरस्त कर दी। न्याय नगर गृह निर्माण संस्था की जमीन श्रीराम बिल्डर (Shriram Builder) द्वारा ली गई है। हालांकि प्राधिकरण बोर्ड से लेकर हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट और शासन की अनुमति भी श्रीराम बिल्डर (Shriram Builder) ने हांसिल की और पिछले दिनों सहकारिता विभाग ने दी गई अनुमति को निरस्त किया था, उस पर हाईकोर्ट से स्टे हासिल कर लिया है। इतना ही नहीं, निगम ने साढ़े 3 करोड़ की राशि जमा करवाकर भवन निर्माण अनुमति जारी की और अब उसे निरस्त कर दिया।
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