इंदौर। गत वर्ष प्रशासन द्वारा 100 एकड़ जमीन पर विकसित 70 भूखंडों की प्रगति विहार कॉलोनी को अवैध घोषित की जाने बाद नगर निगम ने इसी से जुड़ी प्रगति ग्रीन में निर्माणाधीन 16 मकानों के नक्शे भी निरस्त किए और इसे भी अवैध घोषित करते हुए सूचना बोर्ड टंगवा दिए। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने किसी भी प्रकार के निर्माण पर जहां रोक लगा दी है, वहीं प्रशासन द्वारा भूखंडों-बंगलों के क्रय-विक्रय पर भी रोक लगाई गई है। निगम की इस कार्रवाई के बाद इलाके के भूखंडधारियों में हलचल मची हुई है।
प्रगति विहार के मामले में हाईकोर्ट में प्रस्तुत एक याचिका के जवाब में निगम ने जो 10 पेज की जांच रिपोर्ट प्रगति विहार को लेकर सौंपी उसमें इसे अवैध बताया गया। 100 एकड़ में 70 भूखंडों की प्रगति विहार को पूर्व में प्रशासन ने तो अवैध घोषित किया ही, वहीं बाद में नगर निगम ने भी कार्रवाई की। इसके बावजूद वहां निर्माण कार्य जारी रहने पर निगमायुक्त ने प्रगति विहार और प्रगति ग्रीन पर सूचना बोर्ड लगवा दिए, जिसमें इन कालोनियों को अवैध घोषित करने की जानकारी के साथ किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य न करने, भूखंडों, बंगलों के क्रय-विक्रय को भी प्रतिबंधित किया है।
निगमायुक्त प्रतिभा पाल का कहना है कि इस तरह के सूचना बोर्ड अन्य अवैध कालोनियों और निर्माण स्थलों पर भी लगवाए जाएंगे, ताकि आम जनता क्रय-विक्रय कर अपनी जमा पूंजी न उलझा दे। इसके अलावा प्रगति ग्रीन में भी नक्शों के विपरीत काम चल रहा है। लिहाजा भवन अनुज्ञा शाखा प्रभारी और अपर आयुक्त संदीप सोनी के निर्देश पर पूर्व में 16 मकानों के नक्शे निरस्त कर दिए गए। उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व कालोनी के रास्ते बंद करवाने पर प्रशासन द्वारा गेट तुड़वाए गए थे।
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