इन्दौर। आज सुबह निगम के रिमूवल अमले (removal staff) ने रीगल टाकीज के समीप स्थित वर्षों पुराने मिल्की वे टाकीज को ढहा दिया। इससे पहले वहां आसपास के कई दुकानदारों ने सामान हटाने के लिए मोहलत मांगी थी और वे अपने स्तर पर सारा सामान हटा चुके थे तो निगम ने कार्रवाई शुरू कर दी। बेशकीमती क्षेत्र की 19200 वर्गफीट की जमीन निगम को मिली है। इससे पहले एक अन्य टाकीज रीगल का भी निगम कब्जा ले चुका है। पिछले दिनों उक्त जमीन की लीज का मामला नगर निगम सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में जीत चुका था।
कुछ समय पहले भी नगर निगम ने इन्दौर की पहचान रीगल सिनेमा की जमीन भी अपने अधिपत्य में ले ली थी। उसका प्रकरण भी इसी प्रकार लीज निरस्ती के दायरे में था और तीन से चार वर्ष पहले निगम ने कब्जा लेकर वहां ताले डाल दिए थे। इसके बाद समीप की मिल्की वे टाकीज की जमीन का मामला भी न्यायालय में चल रहा था। निगम अफसरों के मुताबिक लीज निरस्ती के प्रकरण को लेकर विभिन्न न्यायालयों में चुनौती दी गई थी और फिर आखिर में मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था, जहां लीज निरस्ती का प्रकरण जीतने के बाद निगम ने हाल ही में सात दिन पहले भूमि को लेकर पांच संबंधितों को नोटिस जारी कर आधिपत्य देने के निर्देश दिए थे।
उक्त नोटिस मिल्की वे टाकीज की इमारत पर चस्पा कर दिया गया था। आज सुबह निगम का रिमूवल अमला कब्जा लेने मौके पर पहुंचा तो वहां आसपास बनी कई दुकानों और गैरेजों के मालिक निगम अफसरों के पास पहुंचे और उन्होंने कुछ समय सामान हटाने की मोहलत मांगी, जिस पर उन्हें समय दिया गया। निगम की टीम ने मिल्की वे टाकीज और उसके आसपास की दुकानें और गैरेज को जेसीबी की मदद से ढहा दिया। 19200 वर्गफीट बेशकीमती जमीन निगम को मिल चुकी है।
रीगल और मिल्की वे की जमीन पर बन सकता है बड़ा प्रोजेक्ट
प्रशासन और निगम के आला अधिकारियों की पिछले दिनों बैठक के दौरान रीगल टाकीज की ली गई जमीन पर कुछ बड़े प्रोजेक्ट को लेकर मंथन हुआ था। इसी बीच निगम को मिल्की वे टाकीज की 19200 वर्गफीट जमीन भी मिल चुकी है। दोनों जमीनें पास-पास हैं, जिसके चलते संयुक्त रूप से वहां निगम कोई बड़ा प्रोजेक्ट ला सकता है।
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