संभागायुक्त ने 43 भिक्षुकों से की चर्चा और आयुक्त ने बताई उपचार और पुनर्वास की व्यवस्था
इंदौर। स्वच्छता के साथ नगर निगम ने बेसहारा बुजुर्गों, भिक्षुओं, विकलांगों के लिए उपचार, पुनर्वास अभियान शुरू किया और 43 ऐसे भिक्षुक-बेसहारा लोगों के लिए श्री पंजाब अरोड़वंशीय धर्मशाला साउथ तुकोगंज (South Tukoganj) में शिविर भी लगवाया, जिसका अवलोकन संभागायुक्त व निगम प्रशासक डॉ. पवनकुमार शर्मा (Dr. Pawan Kumar Sharma) ने किया। उन्होंने निगमायुक्त प्रतिभा पाल (Pratibha Pal) से इस संबंध में जानकारी ली।
पिछले दिनों निगम के कर्मचारियों की लापरवाही के चलते देशभर में इंदौर की बदनामी हुई, जब भिक्षुकों को शहर से बाहर छोडऩे का कृत्य सामने आया। उसके बाद नगर निगम (Municipal Corporation) ने ऐसे बेसहारा बुजुर्गों-भिक्षुकों के परीक्षण, उपचार, पुनर्वास का निर्णय लिया। वहीं इंदौर को भिक्षुकमुक्त बनाने की दिशा में भी काम शुरू किए। केन्द्र सरकार ने देश के 10 शहरों को भिक्षुकमुक्त बनाने का जो निर्णय लिया है उसमें इंदौर को भी शामिल किया गया है। निगम ने एक एनजीओ दीनबंधु के साथ स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया, जिसमें सांसद के अलावा संभागायुक्त भी अवलोकन करने पहुंचे। शिविर में आई 15 महिलाओं, 28 पुरुषों को नहलाने, उनके कपड़े चेंज करवाने, मेडिकल चैकअप, भोजन, चाय-नाश्ते की व्यवस्था भी की गई। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि फुटपाथ, रोड किनारे और अन्य स्थानों पर रह रहे इन 43 भिक्षुकों, बेसहारा बुजुर्गों को शिविर में लाया गया है और अरबिन्दो हॉस्पिटल की 8 सदस्यीय मेडिकल टीम ने इनका स्वास्थ्य परीक्षण किया और 10 बुजुर्गों को उपचार की आवश्यकता होने पर अरबिन्दो हॉस्पिटल भेजा गया। तीन को बाणगंगा स्थित मनोरोग चिकित्सालय में शिफ्ट करवाया गया।
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