इन्दौर। महापौर का आरक्षण 9 दिसम्बर को भोपाल में आयोजित किया गया है। वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया पहले ही संपन्न हो चुकी है और मतदाता सूचियां भी तैयार हैं। लिहाजा जनवरी में निगम के चुनाव तय हैं, जिसकी घोषणा महापौर आरक्षण प्रक्रिया संपन्न होने के बाद, यानी 10 दिसम्बर के बाद कभी भी की जा सकती है। इसके पीछे मजबूरी यह भी है कि अगर दिसम्बर में चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं कराई तो फिर जनवरी के आधार पर नए सिरे से मतदाता सूची तैयार करना पड़ेगी।
इन्दौर नगर निगम में ही चुनी हुई परिषद का कार्यकाल 18 फरवरी को समाप्त हो गया था। तब से प्रशासक काल चल रहा है। पहले कोरोना, उसके बाद उपचुनाव के चलते इन्दौर सहित प्रदेशभर के नगरीय निकायों के चुनाव आगे बढ़ गए, मगर अब जनवरी में नगरीय निकायों के चुनाव कराए जाना तय है, जिसकी तैयारी राज्य निर्वाचन आयोग के साथ-साथ राजनीतिक दलों ने भी कर ली है। वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया पहले ही संपन्न हो चुकी है और अब 9 दिसम्बर को भोपाल में महापौर पद का आरक्षण रखा है। इसके बाद चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी। निगम के चुनाव जनवरी 2020 की मतदाता सूची के आधार पर ही कराए जाएंगे, जिसके चलते दिसम्बर में ही चुनाव की प्रक्रिया शुरू करना पड़ेगी, अन्यथा फिर नए सिरे से मतदाता सूची बनवाना होगी। इन्दौर में सभी 85 वार्डों की मतदाता सूची भी तैयार है और पिछले दिनों वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया भी करवाई जा चुकी है।
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