इंदौर। नगरीय प्रशासन विभाग (Urban Administration Department) ने इंदौर सहित प्रदेशभर में सम्पत्ति-जलकर के बकायादारों (defaulters) को 31 अगस्त तक अधिभार में छूट दी थी, जो कल समाप्त हो गई। अंतिम दिन निगम ( corporation) ने भी 20 करोड़ रुपए कमा लिए, जिसमें सबसे अधिक 5 करोड़ 18 लाख रुपए की राशि इंदौर विकास प्राधिकरण (Indore Development Authority) ने जमा की। 24 घंटे में ही 6 हजार 500 सम्पत्तिधारकों ने यह छूट हासिल की। हालांकि दोपहर डेढ़ बजे से लेकर साढ़े तीन बजे तक पोर्टल भी ठप रहा, जिसके चलते कर जमा करने आए लोगों को इंतजार भी करना पड़ा और उन्होंने निगम कर्मचारियों (corporation employees) पर नाराजगी भी जाहिर की। अभी तक निगम 120 करोड़ रुपए से अधिक का सम्पत्तिकर (property tax) इस वित्त वर्ष में अर्जित कर चुका है। 3 जून को शासन ने नगरीय निकायों के विभिन्न करों में छूट देने का निर्णय लिया था, जिसका लाभ कई करदाताओं ने उठाया, क्योंकि 100 फीसदी तक अधिभार में छूट मिल रही थी।
कोरोना संक्रमण (corona transition) और लॉकडाउन (lockdown) के चलते नगरीय निकायों का राजस्व प्रभावित हुआ, वहीं जनता से लेकर कारोबारियों को भी नुकसान उठाना पड़ा, जिसके चलते नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने यह छूट दी। इसमें 50 हजार रुपए से अधिक की बकाया राशि पर 100 फीसदी और 1 लाख रुपए तक की बकाया राशि पर 50 और उससे अधिक की राशि के बकायादारों को 25 फीसदी छूट मिली। यह छूट सम्पत्तिकर (property tax) के साथ-साथ जलकर और किराए भू-भाटक सहित अन्य प्रकरणों में भी दी गई। निगमायुक्त प्रतिभा पाल (corporation commissioner Pratibha Pal) के मुताबिक कल छूट के आखिरी दिन साढ़े 6 हजार सम्पत्तिधारकों ने इसका लाभ उठाया और नगर निगम के खजाने में 20 करोड़ रुपए तक का राजस्व जमा हुआ। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष अभी तक 140 करोड़ रुपए से अधिक की राशि निगम खजाने में जमा हुई है, जिसमें 120 करोड़ रुपए सम्पत्तिकर के ही जमा हुए हैं। अपर आयुक्त राजस्व भव्या मित्तल द्वारा लगातार की जा रही मॉनीटरिंग और सख्ती का भी यह परिणाम रहा कि गत वर्ष की तुलना में अभी तक 20 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व निगम को मिल चुका है। 24 घंटे में ही लगभग 20 करोड़ रुपए निगम के खजाने में जमा हुए। हालांकि दो घंटे पोर्टल ठप रहने के कारण निगम अधिकारियों-कर्मचारियों से लेकर जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं निगम मुख्यालय में पदस्थ एआरओ अरविन्द नायक के मुताबिक 5 करोड़ 18 लाख रुपए की बड़ी राशि इंदौर विकास प्राधिकरण ने भी सम्पत्तिकर की जमा करवाई है। अब नगर निगम आज से बकायादारों के खिलाफ भी सख्ती शुरू करेगा। पिछले दिनों जीआईएस सर्वे के दौरान भी साढ़े 16 हजार से अधिक सम्पत्तियों में अनियमितताएं मिली हैं। वहीं अधिभार की छूट सम्पत्तिकर धारकों ने तो ली ही, वहीं कर जमा करने आए लोगों ने जलकर के साथ-साथ अपना बकाया कचरा संग्रहण शुल्क भी जमा कर दिया। इसके चलते कल ही जलकर के 1371 उपभोक्ताओं ने 52 लाख 35 हजार रुपए की राशि जमा की तो इसी तरह 17 लाख 49 हजार रुपए की राशि कचरा संग्रहण शुल्क के रूप में भी निगम को प्राप्त हुई। यानी 20 करोड़ रुपए सम्पत्तिकर के कमाने के साथ ही निगम ने 24 घंटे में 70 लाख रुपए की राशि जलकर और कचरा शुल्क की भी हासिल कर ली।
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