वायरलेस सेट पर एक बार कॉल करने पर उपस्थिति दर्ज नहीं करवाने वाले कर्मचारियों का कटेगा वेतन
इंदौर। शहर की सड़कों पर एक बार फिर आवारा पशु नजर आने लगे थे, जिसके चलते निगम ने ढोर पकड़ो अभियान फिर कल से शुरू किया और 14 पशुओं को पकड़कर कोंदवाड़े में भिजवाया वहीं आयुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि एक बार काल करने पर वायरलैस सेट पर उपस्थिति दर्ज करवाएं अन्यथा उस दिन का वेतन राजसात कर लिया जाएगा, उन्होंने वर्कशॉप का भी निरीक्षण किया।
आयुक्त प्रतिभा पाल के निर्देश पर अपर आयुक्त देवेन्द्र सिंह और उपायुक्त महेन्द्रसिंह चौहान के निर्देश पर शहर की टीमों ने अलग-अलग स्थानों से ढोर पकडऩे, की शुरुआत करवाई। लक्ष्मीबाई मंडी और जिंसी चौराहा से 14 आवारा पशुओं को पकड़ा गया और यह कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। रिमूव्हल विभाग के बबलू कल्याणे, मुकेश खरे व अन्य भी इस मुहिम में शामिल रहे और शहर के अन्य क्षेत्रों में इसे रोजाना चलाया जाएगा। वहीं आयुक्त ने वर्कशॉप का निरीक्षण किया तथा वर्कशॉप से निकलने वाले वाहन समय पर निकलने हेतु वर्कशॉप प्रभारी श्री पाडे को निर्देशित करते हुए कहा कि आज भी कई वाहन है, जो समय पर नही निकले है तो इसके जिम्मेदार का एक दिन का वेतन राजसात किया जावेगा। साथ ही वर्कशॉप से वाहन प्रात: 7 बजे के पश्चात निकले तो संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही होगी। वर्कशॉप प्रभारी श्री पांडे को निर्देश दिये गये कि जीटीएस से वाहन खराब होने की सूचना आने पर वाहन के सुधार हेतु मेकेनिक तत्काल पहुंचाये व यह व्यवस्था बनाये कि वाहन सुधार कार्य करने के पश्चात वह मेकेनिक उक्त रूट में अन्य निगम वाहन कोई खराब हो तो उसको भी रिपेअर कर ही वर्कशॉप आवे, ताकि समय की बचत हो सके।
नलकूप खनन घोटाले में तीन की नौकरी और गई
एसडीएम के फर्जी हस्ताक्षर और सील लगाकर नलकूप खनन घोटाला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। पिछले दिनों इसके मुख्य आरोपी अंकित तिवारी, उसके भाई व अन्य के खिलाफ तो कार्रवाई की गई, वहीं उसमें लिप्त मिले तीन और कम्प्यूटर ऑपरेटरों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने समाप्त कर दी। अंकित के परिवार के लोग भी निगम में ही कार्यरत थे। उसकी पत्नी श्रीमती राखी मेराले व आरोपी के भाई अक्षय और अमित तिवारी भी मस्टरकर्मी के रूप में कार्यरत थे। नलकूप खनन घोटाले में इनकी लिप्तता होने के के चलते इन्हें भी नौकरी से हटा दिया है। कलेक्टर कार्यालय द्वारा प्राप्त अनुमति से भी डाटा का मिलान किया जा रहा है।
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