नई दिल्ली। पूरी दुनिया में एक बार कोरोना के नए वैरिएंट (COVID-19 new Variant) का खौफ बढ़ता जा रहा है. कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को ही अब तक सबसे खतरनाक (Dangerous) माना जा रहा था लेकिन नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) को डेल्टा से भी ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है. अब तक के मिले डेटा के आधार पर WHO ने ओमिक्रॉन वैरिएंट को ‘वेरी हाई रिस्क’ पर रखा है. WHO के अनुसार, इन नए वैरिएंट के म्यूटेशन के गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं.
ओमिक्रॉन वैरिएंट की पहचान सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के शोधकर्ताओं ने की थी. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में ओमिक्रॉन वैरिएंट पर WHO के बयान को एक मजबूत और सबसे स्पष्ट चेतावनी माना गया है. वहीं, वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने में जुट गए हैं कि ये नया वैरिएंट लोगों के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है.
क्या कहता है WHO- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variants) को लेकर अभी कुछ भी सही तरीके से स्पष्ट नहीं है .हालांकि, प्रारंभिक साक्ष्य इस बात की संभावना को बढ़ाते हैं कि इस वैरिएंट में ऐसे म्यूटेशन हैं जो इम्यून सिस्टम रिस्पॉन्स से बच सकते हैं और एक से दूसरे व्यक्ति में इसे फैलाने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं. WHO का कहना है, ‘इन म्यूटेशन के आधार पर कहा जा सकता है कि इसकी वजह से भविष्य में COVID-19 के मामलों में उछाल आ सकता है. इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. ये कई बातों पर निर्भर करता है जैसे कि किन जगहों पर इसके मामले ज्यादा बढ़ रहे हैं. कुल मिलाकर पूरी दुनिया इस समय हाई रिस्क पर है.’
WHO का कहना है कि भले ही वैज्ञानिक अभी इस वैरिएंट को अच्छे से समझने की कोशिश कर रहे हों लेकिन सभी देशों को ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन को बढ़ावा देना चाहिए. अब तक ओमिक्रॉन वैरिएंट से किसी भी मौत का मामला सामने नहीं आया है. ये कितना संक्रामक है, बीमारी को कितना गंभीर कर सकता है और वैक्सीन पर कितनी कारगर होगी इन सभी चीजों के बारे में वैज्ञानिक जानकारी जुटा रहे हैं.
लंबे समय से वैज्ञानिक ये चेतावनी देते आ रहे हैं कि ये वायरस उन जगहों पर फिर से पनप सकता है जहां वैक्सीनेशन अभियान कमजोर हो. आपको बता दें कि ये वैरिएंट अफ्रीका के एक ऐसे महाद्वीप से फैला है जहां सिर्फ 7% आबादी को वैक्सीन लगी है.
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