भोपाल। प्रदेश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। खासकर राजधानी भोपाल में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है। ऐसे में सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से पहले विधायकों की चिंता बढ़ गई है। क्योंकि सत्र के दौरान विधानसभा में विधायक, अधिकारी, कर्मचारी एवं सुरक्षा बलों की अच्छी खासी भीड़ उमड़ेगी। सत्र में हिस्सा लेने के लिए प्रदेश भर से विधायक आएंगे और अन्य जिलों से भी पुलिस बल विधानसभा की सुरक्षा के लिए बुलाया गया है।
विधानसभा सत्र के दौरान 205 विधायक, उनका निजी स्टाफ, गनमैन विधानसभा परिसर की सुरक्षा संभालने वाले पुलिसकर्मियों सहित लगभग 1500 से 2000 लोगों का जमावड़ा होगा। इस दौरान न शारीरिक दूरी का पालन होगा और न ही कोरोना के बचाव के अन्य प्रावधानों का पालन होगा। राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायक ओमप्रकाश सखलेचा संक्रमित पाए गए थे, जिसके चलते अन्य विधायक दिव्यराज सिंह संक्रमित हुए और छह अन्य विधायक क्वारंटाइन हुए थे। विशेषज्ञों का भी मानना है कि जब शादी ब्याह और अंतिम संस्कार जैसे में 20 से अधिक लोगों की भागीदारी का नियम नहीं है तो विधानसभा सत्र में इतना बड़ा जमावड़ा क्यों किया जा रहा है? पूर्व नौकरशाह भी मानते हैं कि महामारी के चलते सरकार अध्यादेश लाकर जरूरी काम निपटा ले। सत्र को तब बुलाया जाए जब परिस्थिति में बदलाव हो। गौरतलब है कि संसद सत्र को भी दिसंबर तक टाल दिया गया है, जबकि मप्र विधानसभा का सत्र 20 जुलाई से बुलाया गया। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि सत्र बुलाना संवैधानिक बाध्यता, सावधानी बरतेंगे मध्य प्रदेश सरकार ने लेखानुदान का अध्यादेश लाया है, जिसे 31 जुलाई के पहले विधानसभा से पारित कराना है। इस संवैधानिक बाध्यता के कारण मानसून सत्र बुलाया गया है।
400 सुरक्षा बल तैनात रहेगा
विधानसभा सत्र के दौरान परिसर की सुरक्षा संभालने के लिए प्रदेश भर से कम से कम 300 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है। विस की कार्यवाही के दौरान 100 से ज्यादा अधिकारियों की मौजूदगी अधिकारी दीर्घा में रहती है। इस तरह कुल मिलाकर के देखा जाए तो 1500 से दो हजार का आंकड़ा विधानसभा परिसर में मौजूद होगा। कोविड-19 की महामारी को देखते हुए इतनी ज्यादा तादाद में लोगों की उपस्थिति से संक्रमण फैलने का खतरा और भी बढ़ सकता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved