सख्ती और लॉकडाउन के बावजूद मरीजों की संख्या में कमी नहीं… विशेषज्ञ-डॉक्टर भी हैरान… तेजी से फैल रहा है म्युटेशन के बाद वायरस
इंदौर। विशेषज्ञ व डॉक्टर हैरान हैं कि इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी क्यों नहीं आ रही है..? सख्त कोरोना कफ्र्यू (Corona Curfew) और लॉकडाउन (Lockdown) भी प्रशासन ने लागू कर रखा है और 80 फीसदी से अधिक जनता घरों में ही है। बावजूद इसके रोजाना मरीजों की संख्या अधिक ही नजर आ रही है। दरअसल इंदौर में भी 4 से 5 नए तरह के वेरियंट बताए जा रहे हैं, जिनमें घातक स्ट्रैन ( Deadly Strain) वाला वेरियंट भी शामिल है।
देशभर में कोरोना का कहर तो जारी है ही, वहीं इंदौर भी पिछले डेढ़ माह से इसकी चपेट में है और पिछले 15-20 दिनों से तो कोरोना कफ्र्यू (Corona Curfew) और लॉकडाउन (Lockdown) में सख्ती भी की गई और उम्मीद थी कि मई के इस पहले हफ्ते से मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट आएगी। मगर सूत्रों के मुताबिक बीते 24 घंटे में भी बड़ी संख्या में मरीज मिले हैं। जबकि उसके दो-तीन दिन पहले अवश्य कुछ कमी आई थी। 10 हजार से अधिक सैम्पलों की जांच भी रोजाना कराई जा रही है। बावजूद इसके 2 हजार के आसपास या किसी दिन तो उससे भी अधिक मरीज मिल जाते हैं। विशेषज्ञों-डॉक्टरों का कहना है कि नया स्ट्रैन अत्यंत घातक तो है ही, वहीं सुपर स्प्रेडर (Super Spreader) यानी तेजी से फैलने वाला भी है। यही कारण है कि पूरे परिवार के साथ आसपास के लोगों को भी संक्रमित कर रहा है। अब मई अंत तक राहत मिलने और उसके बाद धीरे-धीरे कमी आने की बात कही जा रही है। फिलहाल तो संक्रमण की रफ्तार तेज ही है।
मई अंत तक घटना शुरू होंगे संक्रमित मरीज
पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि अप्रैल अंत और मई के पहले हफ्ते से मरीजों की संख्या में कमी आएगी, लेकिन दो-तीन दिन ही राहत मिली। जानकारों का कहना है कि मौजूदा स्ट्रैन (Strain) तेजी से संक्रमण फैलाने वाला है और चूंकि कम्युनिटी स्प्रैड (Community Spread) हो चुका है। लिहाजा अभी इतनी जल्दी संक्रमण की दर नहीं घटेगी। मई अंत तक मरीजों की संख्या में कमी आएगी, लेकिन तब भी औसतन 900-1000 मरीज हर 24 घंटे में मिलते रहेंगे और उसके बाद फिर अगले कई दिनों तक यह सिलसिला जारी रह सकता है। हालांकि तब तक शहर में इलाज, ऑक्सीजन और इंजेक्शन की व्यवस्थाएं और भी बेहतर हो जाएगी, इससे इलाज में आसानी रहेगी।
इलाज के अभाव में भी हो रही है बुजुर्गों की मौत
अभी बड़ी संख्या में बुजुर्गों (Elderly) की मौत भी हो रही है, जिसका कारण यह है कि कई बीमारियों से ग्रसित बुजुर्ग अगर संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं तो फिर उनका बचना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि अभी बेहतर इलाज भी नहीं मिल पा रहा है।
एक तरफ युवाओं की मौत तो हो ही रही है, वहीं उससे कई ज्यादा बुजुर्ग (Elderly) चपेट में आ रहे हैं। हालांकि कई बुजुर्गों ने वैक्सीन भी लगवा ली है, लेकिन कुछ के सेकंड डोज बच गए, तो कुछ को अधिक दिन नहीं हुए और एंटीबॉडी नहीं बन सकी और उसके पहले ही संक्रमण का शिकार हो गए। कई बुजुर्ग कैंसर, डायबिटीज, ह्रदय रोग से लेकर अन्य गंभीर बीमारियों से भी पीडि़त हैं और इनमें से कई ऐसे हैं जो पिछले सालभर-छह महीने से बिस्तर पर हैं। ऐसे मरीजों का लंग्स इन्फेक्शन एकदम 50-60 प्रतिशत तक कमजोर शरीर के कारण बढ़ जाता है और फिर अभी बेहतर इलाज भी नहीं मिल रहा, क्योंकि आईसीयू, वेंटिलेटर बेड से लेकर टोसी, रेमडेसिविर इंजेक्शन और अन्य दवाइयों की भी कमी है। यही कारण है कि अन्य बीमारियों से ग्रसित बुजुर्गों की मौत भी बड़ी संख्या में इन दिनों हो रही है। इनमें ज्यादातर कोरोना संक्रमण की चपेट में आए बुजुर्ग शामिल हैं। कब्रिस्तानों और श्मशानों में बड़ी संख्या में बुजुर्गों के शव भी लगातार आ रहे हैं।
900 मरीजों की अभी तक भर्ती हो चुकी है कोविड सेंटर पर
राधास्वामी सत्संग परिसर स्थित मां अहिल्या कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) के खुशनुमा माहौल में कोरोना मरीज तेजी से स्वस्थ भी हो रहे हैं। शहर के अस्पतालों में तो भर्ती मरीजों को इस तरह का माहौल नहीं मिल रहा और वे मानसिक रूप से भी अवसाद का शिकार हो जाते हैं, लेकिन यहां सेंटर में योग, प्राणायाम, जुम्बा के साथ भजन-कीर्तन और विशाल टीवी स्क्रीन पर मनोरंजन के कार्यक्रम देखते हुए खुशनुमा माहौल में स्वस्थ हो रहे हैं। अभी तक 900 कम लक्षण वाले मरीजों की यहां भर्ती की गई, जिनमें से 450 डिस्चार्ज भी किए जा चुके हैं और लगातार यह सिलसिला कायम है। प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट राधा स्वामी सत्संग में बने कोविड केयर सेंटर पहुँचे। यहाँ उन्होंने तैनात शासकीय अमले सेवादारों और मरीज़ों से मुलाकात की मंत्री ने यहाँ भर्ती मरीज़ों से अलग-अलग चर्चा की। उनके उपचार भोजन इत्यादि सुविधाओं की जानकारी ली। श्री सिलावट ने सभी मरीज़ों का हौसला बढ़ाया और कहा कि वह जल्दी ही स्वस्थ होकर अपने घर लौटेंगे। उन्होंने मरीज़ों से आग्रह किया कि जब वे स्वस्थ होकर घर लौटे तो कोविड केयर सेंटर की जानकारी जरूरतमंदों को भी दें।
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