भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस (Coronavirus) अनियंत्रित होता जा रहा है। राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में हालात बेकाबू हैं। इसके मद्देनजर प्रशासन ने शहर में कंटेनमेंट जोन (Containment Zone) बनाना शुरू कर दिया है। 7 महीने बाद फिर प्रशासन को इसके लिए मजबूर होना पड़ा। शहर के 7 इलाकों में 20 घरों को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है।इन घरों के बाहर पुलिस ने पहरा लगा दिया है।
जानकारी के मुताबिक, हर घर में 2 से 5 लोग संक्रमित हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि 7 दिन बाद निगेटिव रिपोर्ट आने पर ही इनको बाहर आने की इजाजत होगी। इतना ही नहीं इनके आस-पास के घरों को भी सेनिटाइज किए जाने की योजना है। आगे से जिस घर में 2 से ज्यादा मरीज मिलेंगे, उन्हें कंटेनमेंट जोन किया जाएगा।
ICU वार्ड में हालात खराब
हालात ऐसे हैं कि राजधानी में 16 सरकारी और निजी अस्पतालों में आईसीयू और एचडीयू के 400 बेड रिजर्व हैं। इनमें से 72 फीसदी फुल हो चुके हैं। 35 मरीज अभी वेंटिलेटर पर हैं। मध्य प्रदेश शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 2142 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 2,86,407 तक पहुंच गई है। ऑक्सीजन सपोर्ट वाले 581 बेड में से 401 फुल हैं। यह स्थिति तब है, जब शहर में 3455 एक्टिव केस हैं और उनमें से भी 2360 मरीज होम आइसोलेशन में हैं।
संक्रमण से हुई दस की मौत
राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से प्रदेश में 10 और व्यक्तियों की मौत हुई है। प्रदेश में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 3,947 हो गई है। प्रदेश में कुल 2,86,407 संक्रमितों में से अब तक 2,69,465 मरीज स्वस्थ होकर घर चले गये हैं और 12,995 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि शनिवार को 1175 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
50 हजार तक पहुंच सकते हैं एक्टिव केस
कोरोना समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बताया कि प्रदेश में 30 अप्रैल तक एक्टिव केस 50 हजार तक पहुंच सकते हैं। फिलहाल ये आंकड़ा 12,995 है। सरकार ने भोपाल के जेके हॉस्पिटल, इंदौर के अरबिंदो और उज्जैन के आरडी गार्डी अस्पताल से फिर अनुबंध कर लिया है। तीनों में अभी 425 बेड रिजर्व हैं।
प्रदेश में अब हर दिन 25 से 30 हजार सैंपल जांचे जा रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले साल अप्रैल में भी सरकार ने एक्टिव केस 50 हजार तक पहुंचने का अनुमान लगाया था। तब सभी जगह कोविड केयर सेंटर बनाए गए थे। इस बार ऐसी तैयारी नहीं है। सरकार का मानना है कि अभी कुल एक्टिव केस में से 70% मरीज होम आइसोलेशन में हैं। अस्पतालों में ज्यादातर बेड खाली हैं। आइसोलेशन बेड और ऑक्सीजन सपोर्ट बेड 18 से 29 फीसदी तक ही भरे हैं।
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