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कोरोनाकाल में मधुमेह रोगियों की देखभाल

August 28, 2020

– डा. प्रीति नन्दा सिब्बल

कोरोना संक्रमण मामले में मधुमेह रोगियों को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। सामान्य मरीजों के मुकाबले मधुमेह रोगियों को निमोनिया, फेफड़ों में सूजन तथा अन्य संक्रमण रोग घातक सिद्ध हो सकते हैं क्योंकि मधुमेह रोगियों की प्रतिरोधक क्षमता सामान्य रोगियों के मुकाबले काफी कमजोर होती है। इससे उनकी आंतों में सूजन तथा जलन बढ़ सकती है तथा कोरोना संक्रमण से गम्भीर परेशानियां उठानी पड़ सकती है। सामान्यतः माना जाता है कि कोरोना जैसी महामारी की चपेट में आने के बाद रोगियों में मानसिक उत्तेजना तथा तनाव घर कर जाता है। इन परिस्थितियों में अगर कोई मधुमेह से पीड़ित नहीं भी है, उसका शुगर स्तर बढ़ जाता है तथा उसकी रिकवरी दर में गिरावट आ जाती है।

भारत में इस समय मधुमेह रोगियों की संख्या लगभग 77 मिलियन है। भारत में हर छठा व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित है तथा इसके अतिरिक्त करोंड़ों लोग प्री-डायबिटिक्स हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ नागरिक तथा मधुमेह, हृदय, कैंसर तथा श्वांस रोगियों को कोरोना संक्रमण में गम्भीर परेशानियां झेलनी पड़ सकती है। इनसे पीड़ित रोगियों की मृत्यु दर सामान्य रोगियों से कहीं ज्यादा है क्योंकि ऐसे रोगियों की प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है, जिससे विभिन्न प्रकार के संक्रामक रोग उन्हें घेर लेते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि मधुमेह रोगियों का रक्तवहन तंत्र क्षतिग्रस्त एवं कमजोर होता है जिसकी वजह से इस भाग में रक्त चिकित्सा प्रभाव धीमा पड़ जाता है, जिसकी वजह से रोगी की रिकवरी में लम्बा समय लग जाता है।

कोरोना महामारी के इस दौर में यदि आप इंसुलिन ले रहे हैं तो कम से कम एक हफ्ते की खुराक अपने पास जरूर रखें। यदि आप अपने आपको क्वारंटाईन कर रहे हैं तो भी पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन तथा स्वास्थ्यवर्धक पोषाहार जरूर सुनिश्चित कर लें। अपने डाॅक्टर से नियमित रूप में फोन या व्हाट्सअप के माध्यम से संपर्क में रहें तथा वर्चुअल कॉन्फ्रेंस, वर्चुअल विजिट के माध्यम से अपने डाॅक्टर से नियमित रूप से सम्पर्क में रहें।

यदि आपको लम्बे समय से अनियन्त्रित मधुमेह की शिकायत है तो इससे आपके शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में सूजन या जलन हो सकती है जिसकी वजह से आपकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है। यह भी देखने में आया है कि मधुमेह से पीड़ित वरिष्ठ नागरिक कोरोना संक्रमण में ज्यादा प्रभावित होते हैं। आप मधुमेह से पीड़ित हैं तथा कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं तो बेहतर होगा कि आप अपने परिजनों से बराबर दूरी बनाकर अपने घर में क्वारंटाईन रहें तो आप मानसिक, शारीरिक तौर पर बेहतर महसूस करेंगे। लेकिन आपको ब्लड शुगर को नियमित रूप से जांचते रहना होगा। इस दौरान अगर ब्लड शुगर लगातार अनियन्त्रित रह रहा है तथा जी मचलाता है, उल्टी आती है या सांस लेने में तकलीफ अनुभव हो रहा हो तो इसका मतलब है कि आपका संक्रमण बदतर हो रहा है। इन परिस्थितियों में आपको तुरंत मेडिकल सहायता लेनी चाहिए। कोरोना संक्रमण की वजह से डायबटीज को संतुलित रखना काफी मुश्किल है।

कोरोना संक्रमण में मधुमेह को नियन्त्रित रखना, ब्लड शुगर में बदलाव को रोकना, उचित तथा पर्याप्त आहार, नियमित शारीरिक व्यायाम, ध्यान तथा जीवनशैली से जुड़े अन्य रोग जैसे हृदय रोग, उच्च रक्तचाप आदि पर पर्याप्त ध्यान देने की जरूरत है। मधुमेह से पीड़ित कोरोना रोगियों को अपने डाॅक्टर से फोन, विडियो, व्हाटसअप, ई-मेल आदि के माध्यम से सक्रिय रूप से सम्पर्क में रहना चाहिए। कोरोना संक्रमण में मधुमेह रोगियों का गलुकोस स्तर बढ़ता है जिससे शरीर में तरल पदार्थ की आवश्यकता महसूस होती है। ऐसे में आपको साफ ताजे पानी की उपलब्धता जरूर सुनिश्चित करनी चाहिए तथा पानी नियमित रूप से पीना चाहिए। इस दौरान आप अत्यधिक शारीरिक परिश्रम से बचें तथा 8-10 घण्टे की नियमित नींद जरूर सुनिश्चित करें। यदि आपके सीने में लगातार दर्द है, आप घबराहट या व्याकुलता महसूस कर रहे हैं, चेहरे या होठों पर नीलापन आ रहा है तो तत्काल डाॅक्टर से सम्पर्क करें। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस से शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे रोगियों को मधुमेह की बीमारी हो सकती है।

नवीनतम शोध में पाया गया है कि कोरोना संक्रमण से मधुमेह रोगियों को हृदय रोगों से आघात हो सकता है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सुझाए गए लॉकडाउन तथा सामाजिक दूरी आदि उपायों से मधुमेह रोगियों के मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। इसकी वजह से मधुमेह रोगियों में तनाव उत्सुकता/व्याग्रता/चिंता आदि बढ़ने से नींद में खलल पड़ सकता है जिससे ब्लड शुगर अनियन्त्रित हो सकती है। इस महामारी में दवाइयां, पोषाहार एवं टीकाकरण ही सबसे बेहतर विकल्प है। गलत खानपान/पोषाहार की कमी/ नींद की कमी/ तनाव आदि से शरीर की प्रतिरोधात्मक क्षमता कमजोर पड़ जाती है जो घातक सिद्ध हो सकते हैं।

अपनी खुराक में ताजा फल, सब्जियां, अंकुरित अनाज आदि को जरूर शामिल करें जो शरीर को एंटी आक्सीडेंट प्रदान करते हैं। अपना भोजन निश्चित समय पर नियमित रूप से लेते रहें। पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं तथा घर में पके भोजन को पहली प्राथमिकता दें। अपनी दिनचर्या में साफ्टड्रिंक, सोडा, फ्रूट जूस, सिरप, सुगंधित दूध, दही आदि से परहेज़ रखें। नियमित रूप से व्यायाम, उचित शारीरिक गतिविधि, पर्याप्त नींद आपके ब्लड शुगर को नियन्त्रित रखने में अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।

(लेखिका न्यूट्रिशन एंड फंक्शनल मेडिसिन विशेषज्ञा हैं।)

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