नई दिल्ली (New Delhi) । कोरोना वायरस महामारी (corona virus epidemic) ने एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। दिल्ली समेत देशभर में कोविड मामलों की रफ्तार बढ़ना जारी है। अलग-अलग अस्पतालों के स्वास्थ्यकर्मी भी कोविड-19 की चपेट में आ रहे हैं। दिल्ली एम्स में ही चार डॉक्टरों के अलावा दूसरे कर्मियों के कोविड संक्रमित (covid infected) होने की सूचना मिली है। इसके अलावा दूसरे अस्पतालों में भी स्वास्थ्यकर्मियों (health workers) के बीच कोरोना के मामले देखने को मिल रहे हैं।
इस संबंध में अस्पताल द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने को लेकर दिशा-निर्देश (guidance) भी जारी किए गए हैं। बता दें कि बीतें दो दिन से दिल्ली में कोरोना में एक हजार से ज्यादा मामले सामने आए है। कोरोना संक्रमण की जांच दर 27 फीसदी को पार कर गई है। वहीं, अगर पांच अप्रैल से लेकर 11 अप्रैल तक के बीच कोरोना संक्रमण (corona infection) की स्थिति दिल्ली के अलग-अलग जिलों के हिसाब से देखे तो सबसे ज्यादा कोरोना का कहर पूर्वी जिले में देखने को मिल रहा है।
कोविड केसों में वृद्धि के बावजूद अस्पताल में भर्ती होने की दर कम
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामलों में हालिया वृद्धि के बावजूद अस्पताल में भर्ती होने की दर कम बनी हुई है।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में गुरुवार को 1,527 नए मामले सामने आए थे, जबकि शहर में संक्रमण की दर 27.77 फीसदी रही। इसमें कहा गया था कि शहर के समर्पित कोविड अस्पतालों में 7,945 बिस्तरों में से केवल 231 भरे हुए हैं।
विधानसभा में अंबेडकर जयंती कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि हम कोरोना के बढ़ते मामलों पर नजर बनाए हुए हैं। मामले गंभीर नहीं हैं और लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो उचित कदम उठाए जाएंगे।
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