नई दिल्ली। भारत में कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना अब तक कई महत्वपूर्ण त्योहारों का उत्साह फीका कर चुका है. कोरोना की वजह से जन्माष्टमी भी फीकी-फीकी मनानी पड़ेगी. श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर जन्माष्टमी महोत्सव से पहले बाजार गुलजार दिखाई देते थे लेकिन आज कोरोना के चलते वीरानी छायी हुई है.
दुकानदारों के पास न तो ग्राहक ही आते हैं और न ही सड़कों पर लोग दिखाई देते हैं. मार्च से हुए लॉकडाउन के बाद से न तो ठाकुरजी की पोशाक बिकी और न ही अन्य पूजा पाठ के सामान. दुकानदारों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि उनकी दुकान पर अंतिम ग्राहक लॉकडाउन लगने के पहले आया था.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दो दिन बचे हैं लेकिन वीरान सड़कें देख हमें मायूसी महसूस होती है. मथुरा-वृंदावन में देश-विदेश के श्रद्धालुओं का जमघट साल भर लगा रहता था. यहां जन्माष्टमी 12 अगस्त को मनाई जाएगी, उससे पूर्व यहां के बाजार गुलजार नजर आते थे, लेकिन आज कोरोना काल में वीरानी छाई हुई है.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में हर रोज हजारों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन करने आते थे और दुकानों पर अपने आराध्य भगवान ठाकुर जी के लिए पोशाक, मुकुट, झूला, हार सामग्री आदि को खरीदकर ले जाते थे. लेकिन अब बाजार सुनसान पड़े हैं.
परिसर में पुलिस कर्मचारी या फिर मंदिर के सेवायत ही नजर आते हैं. कोविड को लेकर जिला प्रशासन ने भी इस बार 10 अगस्त से 13 अगस्त तक श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में प्रवेश वर्जित कर दिया है. (एजेंसी, हि.स.)
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