नई दिल्ली। कोरोना वायरस की मार खेलों और खिलाड़ियों पर भी पड़ी है। देश-विदेश के कई खिलाड़ी इस वैश्विक महामारी की चपेट में आने से जान गंवा चुके हैं। भारत के भी कई बड़े खिलाड़ी कोरोना वायरस की वजह से दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। इनमें क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल समेत अलग-अलग खेलों के 11 खिलाड़ी शामिल हैं। इसके तहत मॉस्को ओलंपिक 1980 में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय हॉकी टीम के दो पूर्व खिलाड़ियों रविंदर पाल सिंह और एमके कौशिक का कोविड-19 से जूझने के बाद 8 मई को निधन हो गया।
60 साल के रविंदर पाल सिंह ने लगभग दो सप्ताह तक इस बीमारी से जूझने के बाद लखनऊ में आखिरी सांस ली। सिंह को 24 अप्रैल को विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार वह कोरोना संक्रमण से उबर चुके थे और टेस्ट नेगेटिव आने के बाद कोरोना वॉर्ड से बाहर थे। 7 मई को उनकी हालत अचानक बिगड़ी और उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा।
वहीं 66 साल के कौशिक को 17 अप्रैल को कोविड-19 के लिये पॉजिटिव पाया गया था। उन्हें दिल्ली के एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। कौशिक में पिछले महीने इस बीमारी के लक्षण दिखे थे लेकिन उनका आरटीपीसीआर और आरएटी जांच नेगेटिव आई थी। उनका सीटी स्कैन 24 अप्रैल को हुआ था जिसमें उनके कोविड निमोनिया से ग्रसित होने का पता चला था। कौशिक ने भारत की सीनियर पुरुष और महिला टीमों को कोचिंग दी थी। उनके कोच रहते हुए भारतीय पुरुष टीम ने बैंकॉक एशियाई खेल 1998 में स्वर्ण पदक जीता था।
विवेक यादव : राजस्थान के पूर्व लेग स्पिनर और रणजी ट्रॉफी जीतने वाली टीम के सदस्य रहे विवेक यादव का कोरोना वायरस से जुड़ी समस्याओं के कारण 6 मई को निधन हो गया। यादव का कैंसर का उपचार चल रहा था और वह कीमोथेरेपी के लिए अस्पताल गए थे जहां वह परीक्षण में कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद यादव का हालत बिगड़ गई। यादव ने 18 प्रथम श्रेणी मैच में 57 विकेट हासिल किए और 2010-11 में रणजी ट्रॉफी फाइनल खेले जो उनके घरेलू क्रिकेट करियर का सबसे महत्वपूर्ण मुकाबला था।
चेतन चौहान : भारत के पूर्व क्रिकेटर और राजनेता चेतन चौहान का अगस्त 2020 में कोरोना से निधन हो गया था। कोरोना संक्रमित (Corona Infected) होने के चलते चेतन चौहान को मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान किडनी फेल हो जाने के बाद उनका निधन हो गया। चेतन चौहान ने टीम इंडिया के लिए 1969 से 1978 के बीच 40 टेस्ट खेले थे। इनमें उन्होंने 31।54 की एवरेज से 2084 रन बनाए। उनका बेस्ट स्कोर 97 रन रहा। चेतन ने 7 वनडे में 153 रन बनाए।
किशन रुंगटा : बीसीसीआई के पूर्व चयनकर्ता और राजस्थान के पूर्व कप्तान किशन रुंगटा का 2 मई को जयपुर के अस्पताल में कोविड-19 से जूझने के बाद निधन हुआ। वह 88 बरस के थे। यह अनुभवी प्रशासक पिछले हफ्ते कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव पाया गया था। रुंगट मध्य क्षेत्र से 1998 में चयनकर्ता रहे। उन्होंने 1953 से 1970 के बीच 59 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 2717 रन बनाए।
अहमद हुसैन : 1956 के मेलबर्न ओलिंपिक खेलों में चौथे स्थान पर रहने वाली भारतीय फुटबॉल टीम के सदस्य रहे अहमद हुसैन का अप्रैल 2021 में कोरोना से निधन हुआ। वे 85 साल के थे। वे मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब के कप्तान भी रहे। बाद में वे कोच और रेफरी के रूप में भी सक्रिय रहे।
निखिल नंदी : भारत के पूर्व फुटबॉलर निखिल का दिसंबर 2020 में कोरोना से निधन हुआ था। वे भी 1956 में मेलबर्न ओलिंपिक्स में चौथे नंबर पर रहने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। नंदी हाफ बैक के रूप में खेला करते थे।
रमेश टीकाराम : भारत के पूर्व पैरा एथलीट बैडमिंटन खिलाड़ी रमेश टीकाराम का जुलाई 2020 में कोरोना से निधन हुआ था। वे दो सप्ताह तक बेंगलुरु के एक अस्पताला में भर्ती रहे थे। वे 51 साल के थे। उन्होंने अर्जुन अवार्ड भी हासिल किया था। बैडमिंटन के अलावा उन्होंने जेवेलिन और शॉट पुट थ्रो में भी हिस्सा लिया था।
विलियम डीसूजा : महाराष्ट्र के पूर्व हॉकी खिलाड़ी विलियम डीसूजा का मार्च 2021 में कोरोना से देहांत हुआ था। वे पुणे में रहते थे और उनकी उम्र 53 साल की थी। वे गोलकीपर के रूप में खेला करते थे।
जॉन रोजारिया अल्फोंसो : महाराष्ट्र के पूर्व फुटबॉलर जॉन रोजारियो अल्फोंसो का अप्रैल 2021 में कोरोना के चलते निधन हुआ। वह 71 साल के थे। गोवा में जन्मे जॉन स्ट्राइकर के रूप में खेला करते थे। वे महाराष्ट्र के लिए 1974, 1975 और 1979 में संतोष ट्रॉफी में खेले थे।
ई हमज़ा कोया : ई हमज़ा कोया ने कोरोना वायरस की वजह से जून 2020 में अंतिम सांस ली। वे महाराष्ट्र के लिए 1981 से 1986 तक संतोष ट्रॉफी में खेला करते थे। फिर नेहरू ट्रॉफी में नेशनल टीम का हिस्सा भी थे। इसके अलावा हमसाकोया मोहन बागान, रेलवे और टाटा स्पोर्ट्स के लिए भी खेले थे।
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