नई दिल्ली । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने गुरुवार को कहा है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron) देश के लगभग सभी हिस्सों में फैल चुका है. हालांकि, राहत की बात यह है कि टीकाकरण दर (vaccination rate) के चलते अस्पताल में भर्ती होने और मौत की संख्या काफी कम रही. मंत्रलाय ने इस बात पर जोर दिया है कि देशभर में 515 जिले ऐसे हैं, जहां बीते हफ्ते पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से ज्यादा रहा. इसके अलावा सरकार ने खासतौर से 6 राज्यों की बात की, जहां पॉजिटिविटी रेट (Positivity Rate) में काफी इजाफा देखा गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत ने कोविड-19 के मामलों में इजाफा जारी है और बीते एक हफ्ते में साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट करीब 16 फीसदी के आंकड़े को छू गया.
भारत की कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख डॉक्टर वीके पॉल ने कहा, ‘महामारी के हालात बताते हैं कि तीसरी बार उछाल देश के लगभग सभी हिस्सों में फैल गया है. यह भी साफ है कि मौत कम हुई हैं. टीकाकरण ने कवच के तौर पर काम किया है.. मृत्यु दर काफी कम है… हालांकि, पॉजिटिविटी रेट 16 फीसदी ज्यादा है. कुछ राज्य हैं, जहां पॉजिटिविटी रेट (गोवा) 50 फीसदी है… वायरस तेजी से फैल रहा है. टीकाकरण और मास्क का पालन करना ही होगा. हम सावधानी को कम नहीं कर सकते.’
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 6 राज्यों की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है. इन राज्यों में 13 जनवरी को खत्म हुए सप्ताह की तुलना में 20 जनवरी को खत्म हुए सप्ताह में वीकली पॉजिटिविटी रेट में इजाफा हुआ है. आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र (20.35% बनाम 22.12%); कर्नाटक (6.78% बनाम 15.12%); तमिलनाडु (10.70% बनाम 20.50%); केरल (12.28% बनाम 32.34%); दिल्ली (21.70% बनाम 30.53%) और उत्तर प्रदेश (3.32% बनाम 6.33%).
भूषण ने कहा, ‘ये वो राज्य हैं, जिनके साथ हम लगातार संपर्क में बने हुए हैं और हालात की समीक्षा कर रहे हैं. हमने इन राज्यों में केंद्रीय दल भेजे हैं, जिन्होंने अलग-अलग जिलों का दौरा किया है. राज्यों को स्वास्थ्य प्रशासन को जानकारी दे दी गई है.’ भूषण ने साल 2020 और 2021 के डेटा उपलब्ध कराते हुए यह भी बताया कि देश के कुल मामलों और मौतों में बच्चों के योगदान में कोई फर्क नहीं आया है.
भूषण ने इस बात पर भी जोर दिया है कि इस बार मामलों में नजर आ रहे लक्षण भी हल्के हैं. उन्होंने कहा, ‘करीब 99 फीसदी वयस्कों को (कंपकंपी), खांसी, गले में जलन के साथ या नहीं बुखार था. और आमतौर पर 5वें दिन तक लक्षण ठीक हो रहे थे. मांसपेशियों में कुछ दर्द और थकान रही. ये वे लक्षण हैं, जिन्हें हम दिल्ली और हमे लगता है पूरे देश में में आए मौजूदा उछाल में देख रहे हैं. 11 और 18 साल की उम्र के बीच पीडियाट्रिक मरीजों में बुघार और अपर रेस्पीरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन आम है, इसका मतलब है कि संक्रमण फेफड़ों पर असर नहीं डाल रहा है और कोविड-19 निमोनिया के मामले भी काफी कम हैं.’
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