उज्जैन। कोरोना वायरस के पिक के आने के चलते सभी तरफ अलर्ट जारी हो रहा है। दिल्ली के हाल देखने के बाद प्रदेश सरकार ने अपने सभी शा.धन्वंतरि आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं शासकीय हॉस्पिटल में चल रहे आयुष विभाग को निर्देश जारी किए हैं कि वे त्रिकुट चूर्ण पुन: बांटने की तैयारी शुरू करें। इसके लिए भोपाल से तारीख आने वाली है।
भोपाल से जारी होने वाली तय तारीख से उज्जैन में भी त्रिकूट चूर्ण बांटने का काम आयुष विभाग एवं शा.धन्वंतरि आयुर्वेदिक चिकित्सालय द्वारा किया जाएगा। ज्ञात रहे कोरोना की शुरूआत में पूरे शहर में आयुष विभाग द्वारा शा.धन्वंतरि आयुर्वेदिक चिकित्सालय के स्टॉफ के सहयोग से आयुष काढ़ा नि:शुल्क वितरित किया गया था। इसे लोगों ने खूब पिया और अपनी शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया था।
क्या है त्रिकूट चूर्ण…
शा.धन्वंतरि आयुर्वेदिक चिकित्सालय के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ.प्रकाश जोशी के अनुसार त्रिकूट चूर्ण वास्तव में सौंठ,काली मिर्च और लेंडी पीपल का मिश्रण है। इसे उचित खुराक के रूप में लिया जाता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है वहीं वायरस से लडऩे में शरीर को सक्षम बनाता है।
यहां रखना होगी सावधानी
डॉ.जोशी के अनुसार इस काढ़े का अनेक लोगों ने जमकर सेवन किया और पेट में छाले तथा एसीडीटी के शिकार हो गए। कुछ को बवासीर भी हो गया। इसलिए शहरवासियों से आग्रह है कि इसे चाय बनाते समय चाय पत्ती के साथ निर्धारित मात्रा में लें,काढ़ा उबालकर न पीएं। वरना एसीडीटी हो जाएगी और अन्य रोग उभर आएंगे। यह चूर्ण औषधि है,पेय पदार्थ नहीं। अधिक उष्ण होने के कारण शरीर में गर्मी उत्पन्न करती है।
5 रू.ओपीडी पर्ची कटवाने पर मिल रहा है अभी
शा.धन्वतंरित आयुर्वेदिक चिकित्सालय में प्रात: 8 से दोपहर 2 बजे तक ओपीडी रहती है। यहां 5 रू. जमा करके चिकित्सक से उपचार करवाया जा सकता है। वहीं इसी रसीद पर त्रिकूट चूर्ण की 7 दिन की पुडि़या मिल जाती है। पुडिय़ा में जितना चूर्ण रहता है, वह एक दिन की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काफी रहता है। इससे अधिक न लें।(हि.स.)