कोरोना वायरस ने लोगो के जीवन को बुरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है । कोरोना वायरस पर लगातार हो रही रिसर्च से शोधकर्ता इससे संबंधित बहुत सारे सवालों के जवाब देने में सक्षम हुए हैं। शुरुआत में मुख्य रूप से कोरोना संक्रमण हमारे फेफड़ों को पूरी तरह प्रभावित कर रहा था। वहीं अब कोरोना वायरस (corona virus) शरीर के अन्य भागों को समान तीव्रता से प्रभावित कर सकता है।
कोरोना वायरस के संपर्क में आने से लंबे समय के लिए दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो आपके दिमाग के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकते हैं। सामने आए डेटा से पता चलता है कि COVID-19 वायरस से पीड़ित 7 में से लगभग 1 व्यक्ति में ब्रेन फॉग या याददाश्त कमजोर होने जैसी न्यूरोलॉजिकल (neurological) साइड इफेक्ट्स विकसित हुए हैं।
कोरोना वायरस आपके दिमाग को कैसे प्रभावित करता है
दिमागी बिमारियों (brain diseases) के लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के कुछ दिनों बाद दिखाई देते हैं। दिमाग से रिलेटेड समस्या हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है। कुछ लोगों को मेमोरी लॉस, थकान जैसे हल्के लक्षणों का अनुभव होता है। जबकि जिन लोगों को लंबे समय तक कम ऑक्सीजन (oxygen) से जूझना पड़ता है, उन्हें अधिक कठिनाइयां हो सकती हैं।
हेल्थी फूड खाएं
कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो आपके दिमाग के कार्य को बढ़ाने और ठीक होने की प्रक्रिया को तेज करने में मदद कर सकते हैं। अपनी डाइट में पत्तेदार साग, वसायुक्त मछली और जामुन (fish and berries) शामिल करने से दिमाग के ब्लड वैसेल्स के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
कई गतिविधियों में खुद को रखें एक्टिव
मेडिटेशन करना होगा लाभकारी
मेडिटेशन का अभ्यास करना और अपने मन को शांत करने और एकाग्रता बढ़ाने के सबसे प्रचलित तरीकों में से एक है। मेडिटेशन के जरिए तनाव (Tension) को कम करने और शरीर में एक शरीर को आराम देने में मदद कर सकता है। यह ब्लड प्रेशर को कम करने, एंटीबॉडी को बढ़ावा देने और ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में भी मदद कर सकता है
रात को चैन से सोएं
आपकी नींद और दिमागी सेहत का सीधा संबंध एक दूसरे से होता है। इसलिए कोशिश करें कि रात को चैन की नींद सोएं। वहीं वीकएंड पर भी इस लाइफस्टाइल के फॉलो करने की पूरी कोशिश करें। अच्छी नींद हमारी दिन-प्रतिदिन की सोच और मेमोरी को प्रभावित कर सकती है।
नोट – उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में न समझें । हम इसकी सत्यता व सटीकता की जांच का दावा नही करतें हैं कोई भी बीमारी या परेंशानी हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
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