नई दिल्ली। पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस (Corona virus) के खिलाफ जंग लड़ रही है और इस जंग में वायरस (Corona virus) के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार वैक्सीन है. विश्वभर में तेजी से वैक्सीनेशन (Vaccination) का काम हो रहा है. दूसरी तरफ वैज्ञानिक वायरस और वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) पर रिसर्ज जारी रखे हुए हैं. इस बीच वैज्ञानिकों के बीच एक हैरान करने वाला डेटा सामने आया है। पिछले कुछ दिनों के डेटा पर वैज्ञानिकों को यह पता चला वैक्सीन की खुराक लेने के बावजूद लोग वायरस से ग्रसित हो रहे हैं. लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि वह लोग कितनी बार संक्रमण का शिकार हो रहे हैं।
इस डेटा ने वैज्ञानिकों की चिंताएं काफी बढ़ा दी हैं. इस बारे में भी अभी ठीक प्रकार से पता नहीं चल सका है कि जो लोग वैक्सीन लेने के बाद वायरस से ग्रसित हो रहे हैं क्या वह दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं या नहीं. अब इस बात की चिंता भी बढ़ गई है कि टीका लेने वाले गंभीर बीमारियों की चपेट में भी आ सकते हैं. टीकाकरण लोग क्यों वायरस से ग्रसित हो रहे हैं इस बारे में अभी वैज्ञानिकों के शोध में कमी है.
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के पूर्व निदेशक टॉम फ्रिडेन ने कहा, “हमें जो कुछ भी पता है और जो हम नहीं जानते हैं, उसके बारे में हमें विनम्र होना चाहिए. कुछ चीजें हैं जो हम निश्चित रूप से कह सकते हैं. एक यह है कि यह एक कठिन प्रश्न है जिसका समाधान करना है।
बड़ी लापरवाही का नतीजा
वैज्ञानिकों का मानना है कि लोगों में जागरूकता का अभाव है. टीकाकृत लोग बेफिक्री से बाहर घूम रहे हैं. किसी भी तरह के नियमों का पालन नहीं करना. संक्रमण का एक बड़ा कारण यह भी हो सकता है कि कोविड की नई लहर के बीच सभी तरह की पाबंदियों को हटाना. यह बहुत ही कमजोर निर्णय हैं. संगीत कार्यक्रमों का आयोजन होना और उसमे भीड़ एकत्रित होना. कोरोना गाइडलाइन की अनदेखी करना और इन सबका परिणाम यह हुआ कि संक्रमण की कुछ अलग तस्वीरें हमारे सामने आ रही हैं।
टीकाकरण लोगों के फिर से ग्रसित होने के संबंध में यह भी सामने आ रहा है कि जिन लोगों ने वैक्सीन ली वो खुद लापरवाही बरत रहे हैं. भीड़ भाड़ इलाके में शामिल होना. बिना मास्क के बाहर निकलना. नियमों की अनदेखी का यह नतीजा है कि वायरस फिर से शरीर में आक्रमण कर रहा है।
कई तरह के कारक होते हैं प्रभावी
विशेषज्ञों की मानें तो एक वायरस की प्रकृति को जानने के लिए कई तरह की केस स्टडी की जरूरत होती है. जैसे जब व्यक्ति संक्रमित हुआ तब डेल्टा संक्रमण था या नहीं, उस क्षेत्र की कितनी आबादी का टीकाकरण हुआ था. जिस समय टीकाकरण हुआ उस दौरान मौसम कैसा था. किसी भी पैटर्न को समझने में ये सभी बेहद मुश्किल पैदा करते हैं।
प्रोविंसेटाउन, मैसाचुसेट्स के समुद्री तट पर बसे शहर के सबसे अधिक लोग टीकाकरण के बाद वायरस से ग्रसित हुए क्योंकि यहां जहारों टीकाकरण लोग बिना किसी एहतियात के जुलाई के चौथे सप्ताह में डांस फ्लोर और हाउस पार्टियों में शामिल हुए. उन्हें देखकर ऐसा लग ही नहीं रहा था कि महामारी एक खतरनाक मोड़ पर है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 469 संक्रमित लोगों में से लगभग तीन चौथाई लोगों ने वैक्सीन ले रखी थी।
अमेरिका में कुछ राज्यों के केस स्टडी और डेटा ने इसी तरह समय के साथ सफलता के मामलों में वृद्धि दिखाई है. यहां तेजी से कोरोना का डेल्टा वैरिएंट भी बढ़ रहा है, यह बताना मुश्किल है कि क्या वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता इसका एक कारण है या फिर कुछ और. फिलहाल अभी विशेषज्ञों का मानना है कि वैक्सीनेशन के बाद भी वायरस के संक्रमण का खतरा बना है इसलिए टीकाकरण के बाद भी सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है।
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