नयी दिल्ली। भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स संघ (इनसाकॉग) (Indian SARS-CoV-2 Genomics Association (INSACOG)) ने जीनोम अनुक्रमण (Genome Sequencing) के विश्लेषण के आधार पर कहा है कि देश में कोरोना वायरस (corona virus) के बहुत कम रिकॉम्बिनेंट (पुन: संयोजित) स्वरूप पाये गये हैं और इनमें से किसी में ना तो स्थानीय या अन्य स्तर पर संक्रमण में वृद्धि देखी गयी और ना ही इनसे गंभीर संक्रमण या अस्पताल में भर्ती होने का खतरा है। इनसाकॉग ने बुधवार को जारी 11 अप्रैल के अपने साप्ताहिक बुलेटिन में कहा था कि संदिग्ध पुन: संयोजन (रिकॉम्बिनेंट) तथा संभावित सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रासंगिकता की घटनाओं पर करीबी नजर रखी जा रही है।
इनसाकॉग ने कहा कि अब तक कुल 2,40,570 नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया गया है. इनसाकॉग के अनुसार, ‘जीनोम अनुक्रमण विश्लेषण के आधार पर भारत में बहुत कम रिकॉम्बिनेंट स्वरूप खोजे गये हैं. अभी तक ना तो किसी स्वरूप में संक्रमण में वृद्धि (स्थानीय या अन्य स्तर पर) देखी गयी है और ना ही यह गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम से जुड़ा है.’ इनसाकॉग ने वैश्विक परिदृश्य के संदर्भ में कहा कि दो रिकॉम्बिनेंट स्वरूप – एक्सडी और एक्सई पर दुनियाभर में करीब से नजर रखी जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) ने मुख्यमंत्रियों के साथ एक वर्चुअल बैठक में, ‘टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट’ को उसी प्रभावकारिता के साथ लागू करने पर जोर दिया, जैसा कि देश में पहले की कोविड लहरों के दौरान किया गया था. हाल के दिनों में देश में कोविड के मामलों में वृद्धि के बारे में बात करते हुए, पीएम मोदी ने राज्यों को इस मामले में सतर्क रहने के लिए आगाह किया।
मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि एक्सके/एक्सएम का एक मामला महाराष्ट्र में मिला, एक्सजे का एक मामला राजस्थान में मिला और ओमीक्रोन के एक्सजे और एक्सई रिकांबिनेंट स्वरूपों का एक-एक मामला भी देश में पाया गया. पीएम मोदी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि COVID चुनौती पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है. Omicron और इसके वेरिएंट कई देशों में चिंता बढ़ा रहे हैं. इनके कारण कोरोना की रफ्तार भी बढ़ गई है. हालांकि भारत, कई देशों की तुलना में स्थिति से बेहतर निपटने में सक्षम है।
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