इंदौर। राज्य में कोरोना वैक्सिनेशन के बीच इंदौर संभाग में बड़वानी और धार जिलों में कोरोना वैक्सीन की बर्बादी की दर सबसे ज्यादा रही है। क्षेत्रीय निदेशक (स्वास्थ्य सेवाएं) कार्यालय से मिले आंकड़ों से इस बात की पुष्टि हुई है। बड़वानी में कोवैक्सीन की 1.93% और धार में अब तक 1.91% कोविशील्ड की बर्बादी हुई है।
अन्य कोविड -19 वैक्सीनों की दोनों जिलों में बर्बादी की दर नेगेटिव रही है। बड़वानी में यह -2.23% और धार में -0.69% रही है। इंदौर संभाग के क्षेत्रीय निदेशक (स्वास्थ्य) डॉ अशोक डागरिया ने कहा, ‘दो जिलों में कोविड-19 वैक्सीन की इतनी ज्यादा बर्बादी की वजह है कि बची हुई आबादी को टीका लगाने के लिए हमारे स्वास्थ्यकर्मी अलग-अलग स्थानों पर गए।
बड़वानी के मामले वैक्सीन की बर्बादी की यह वजह आपको बता दें कि बड़वानी जिले की वयस्क आबादी में 90% से अधिक को वैक्सीन की पहली डोज और करीब 82% को दूसरी डोज लग चुकी है। रिकॉर्ड के मुताबिक, इनमें से अधिकांश को कोविशील्ड लगी है। डागरिया ने कहा, ‘कोविशील्ड के अधिक वैक्सिनेशन की वजह से कोवैक्सीन की बर्बादी हुई, क्योंकि डोज को वाइअल्स खुलने के चार घंटे में ही यूज करना होता है।
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